Ranchi: 2017-18 में रघुवर दास की सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य के 1400 सरकारी भवन बिजली पैदा करेंगे. ज्रेडा ने इसके लिए सरकारी भवनों की छत पर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप और लघु सोलर पावर प्लांट के लिए डीपीआर तैयार किया था. 31 दिसंबर 2018 को रूफटॉप पॉलिसी भी बनी. इसके तहत सभी सरकारी भवनों पर सोलर प्लांट लगाने की योजना थी. लेकिन खूंटी सिविल कोर्ट और 8 अन्य कोर्ट के अलावा कहीं सोलर एनर्जी लगी नहीं दिख रही.
इस बार में पूछे जाने पर ज्रेडा के डायरेक्टर ने कहा कि ज्रेडा की ओर से कभी ऐसी घोषणा नहीं हुई. ऐसी कोई विज्ञप्ति नहीं निकाली गयी है कि 1400 सरकारी भवनों में सोलर एनर्जी लगेगी. अबतक कितने सरकारी भवनों में सोलर एनर्जी लगी है, इसका भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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892 भवनों पर लगे सोलर प्लांट – मीडिया रिपोर्ट्स
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1400 सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा पैदा करने की योजना थी. इनमें से 892 सरकारी भवन सोलर एनर्जी पर शिफ्ट हो चुके हैं. सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में झारखंड देश में 15वें स्थान पर पहुंच गया है. अब ज्रेडा डायरेक्टर कह रहे हैं कि ऐसी कोई योजना नहीं चल रही है. इसका मतलब 892 सरकारी भवनों में सोलर प्लांट लगने की खबर में भी कोई दम नहीं है.
रांची के 60 फीसदी भवनों पर भी सोलर प्लांट नहीं
रूफटॉप पॉलिसी 2018 के तहत सरकारी भवनों में सोलर एनर्जी लगाने का काम चल रहा है. लेकिन गति बेहद धीमी है. गांव-देहात के सरकारी भवनों को छोड़िये, राजधानी रांची के 60 फीसदी सरकारी भवनों में अबतक सोलर एनर्जी पैदा नहीं हो पायी है. राज्य में 4398 पंचायत भवन हैं. उनमें आधे में अबतक सोलर एनर्जी नहीं लगी. सोलर एनर्जी का थोड़ा-बहुत काम दिख रहा है तो सिर्फ प्रखंड कार्यालयों में. राज्य के अधिकांश प्रखंड कार्यालय सोलर एनर्जी से लैस हो चुके हैं.
सब्सिडी का पेंच फंसने से घरों में भी नहीं लगे रहे प्लांट
रूफटॉप पॉलिसी के तहत निजी उपयोग के लिए भी सोलर प्लांट लगाने की योजना है. पिछले साल ज्रेडा द्वारा द्वारा मिलने वाली सब्सिडी में पेंच फंसने के कारण लोग अपने घरों की छत पर सोलर पावर प्लांट नहीं लगा पाये. अभी भी प्लांट लगाने में परेशानी आ रही है. राज्य और केंद्र सरकार द्वारा करीब 50 परसेंट तक सब्सिडी देने का प्रावधान है. लेकिन जरेडा के नियम कानून और अधिकारियों के कारण लोग सब्सिडी का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.
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इन जगहों पर रूफटॉप पावर प्लांट लगना है अनिवार्य
रघुवर सरकार ने शहरी क्षेत्रों में तीन हजार वर्गफीट या इससे ज्यादा जगह पर बने आवासीय भवनों में सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगाना अनिवार्य किया था. झारखंड राज्य सोलर रूफटॉप नीति 2018 के तहत इसे अनिवार्य किया गया है. वहीं नगर निगम, नगर परिषद, नगर समितियों, शहरी विकास प्राधिकरण, औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास प्राधिकरण और निगमों की सीमाओं के भीतर आनेवाले 3000 वर्गफीट या इससे ऊपर के सभी आवासीय भवनों में कनेक्टेड लोड का न्यूनतम 10 प्रतिशत या एक किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगाना अनिवार्य है.
सभी सरकारी भवनों, सरकारी कॉलेजों, जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डीआइइटी), सरकारी शैक्षणिक संस्थान 30 किलोवाट और उससे अधिक के भार से जुड़े विश्वविद्यालयों में भी लोड का 10 प्रतिशत या पांच किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगाना है. सभी निजी अस्पताल और नर्सिग होम, औद्योगिक प्रतिष्ठान, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, मॉल, होटल, मोटेल, भोजन हॉल और पर्यटन परिसरों में कनेक्टेड लोड का 10 प्रतिशत या 10 किलोवाट क्षमता का पावर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा. ग्रुप हाउसिंग सोसायटीज, बिल्डर्स, हाउसिंग बोर्ड द्वारा विकसित नये आवासीय परिसरों में भी न्यूनतम 10 किलोवाट से लेकर 40 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट लगाना होगा. लेकिन अबतक 50 फीसदी से ज्यादा भवन बिना सोलर एनर्जी के हैं.
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