Ranchi: छठ को लेकर राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दिया है. कोरोना महामारी के कारण इस बार तालाबों और नदियों के किनारे महापर्व छठ का आयोजन किये जाने की मनाही रहेगी. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने रविवार रात इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि महापर्व छठ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए नदियों व तालाबों में केंद्र सरकार के निर्देशों और सोशल डिस्टेंसिंग (दो गज दूरी) का पालन संभव नहीं है. ऐसे में लोगों को अपने घरों में ही इस बार छठ महापर्व का आयोजन करना होगा.
घाटों पर नहीं होंगे किसी भी प्रकार के आयोजन
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि छठ महापर्व के दौरान किसी भी नदी, लेक, डैम या तालाब के छठ घाट पर किसी तरह के कार्यक्रम के आयोजन की मनाही होगी. छठ घाट के समीप कोई दुकान, स्टॉल आदि नहीं लगेगा. पर्व के दौरान सार्वजनिक स्थल पर पटाखा, लाइटिंग और मनोरंजन संबंधी कार्यक्रम पर पूरी तरह से रोक रहेगी.
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क्या हैं आपदा प्रबंधन विभाग के तर्क
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नदी व तालाब आदि के एक ही पानी में सैकड़ों भक्त भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए उतरते हैं. ऐसे में कोरोना का संक्रमण फैल सकता है. ऐसे में बेहतर होगा कि लोग अपने घरों में ही यह महापर्व मनायें.
बिहार में भी घाट पर रोक
छठ को लेकर बिहार सरकार द्वारा दिशा-निर्देश में इस बार गंगा समेत राज्य की तमाम बड़ी नदियों के घाटों पर छठ पर्व का आयोजन नहीं होगा. लेकिन, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में मौजूद तालाब में छठ पर्व करने की अनुमति दी गयी है. इस दौरान कोविड-19 से जुड़े तमाम दिशा-निर्देशों का पालन कराया जायेगा.
छठ पर कब क्या
महापर्व छठ की शुरुआत 18 नवंबर से होगी. . 18 नवंबर को नहाय-खाय और 19 नवंबर को खरना है. जबकि 20 नवंबर को पहला अर्घ्य और 21 नवंबर को दूसरा अर्घ्य है.
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