Patna : कोरोना महामारी से तो हरेक क्षेत्र में प्रभावित हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा शिक्षा का क्षेत्र प्रभावित हुआ है. कोरोना काल आते ही स्कूलों और कोचिंग संस्थाओं को बंद करने का आदेश दे दिया गया था. स्कूल बंद होने से वहां काम कर रहे शिक्षकों के सामने रोजी- रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
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पटना में 1200 निजी स्कूल बंद हो चुके है
इस महामारी के कारण कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है. जिसमें पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधेरे में चला गया है. बिहार की राजधानी पटना में 1200 निजी स्कूल बंद हो चुके है. जिसमें काम करने वाले शिक्षक बेरोजगार हो गये है. बेरोजगार होने के साथ- साथ उनके परिवार का भरण- पोषण में भी समस्या उत्पन्न हो गयी है.
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संचालकों के सामने किराये देने की भी चुनौती है
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शमायल अहमद ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले 15 महीनों से स्कूल बंद पड़ा हुआ है. जिसके कारण अभिभावक फीस जमा नहीं कर रहे है. फीस जमा नहीं होने के कारण शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. शमायल अहमद ने बताया कि पटना में कई स्कूल किराये के मकान में संचालित हो रहे थे. लंबे समय से बंद होने के कारण संचालकों के सामने किराये देने की भी चुनौती है. किराया नहीं देने पर मकान मालिकों के द्वारा मकान खाली करने का दवाब बनाया जा रहा है. स्थिति इतनी खराब रही हो बिहार में अनगिनत संख्या में स्कूल बंद हो जायेंगे.
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7 लाख टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ काम करते है
शमायल अहमद ने बताया कि पटना में 25 हजार निजी स्कूल है. जिसमें 7 लाख टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ काम करते है. कोरोना काल में बिहार में करीब 5000 विद्यालय बंद हो चुके हैं. सिर्फ पटना में 1200 स्कूल बंद हुए है. पटना में 95 % प्ले स्कूल बंद हो गये है. जिसकी दोबारा खुलने की उम्मीद काफी कम है.
सरकार के द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है
संचालकों और शिक्षक द्वारा कई बार पीएम और बिहार को सीएम को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगायी है. लेकिन सरकार के द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने सरकार से इस मुश्किल वक्त में मदद की गुहार लगाई है. अनिशाबाद स्थित ग्लोबल पब्लिक स्कूल, दानापुर जो 50 वर्ष पुराना विद्यालय है, संत स्टीफेंस हाई स्कूल सहित कई विद्यालय बंद हो गए. लाखों की संख्या में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ बेरोजगार हो गए हैं. स्कूल बंद होने के कारण करीब 2 लाख से अधिक बच्चे बाहर हो गए. और उनकी शिक्षा नहीं हो पा रही है.
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