Guwahati : असम से लोकसभा सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल के छह बाल गृह राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के रडार पर हैं. आयोग ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उसे बदरुद्दीन अजमल के असम और मणिपुर में छह बाल गृहों द्वारा धन का दुरुपयोग किये जाने की जानकारी मिली है. खबरों के अनुसार मरकजुल मारिफ नामक संस्था के तत्वावधान में चल रहे एक बाल गृह को एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय एनजीओ से पैसे मिले हैं, जिसकी जांच आतंकवादी संगठन अल-कायदा से कथित संबंधों को लेकर हो रही है.
इसे भी पढ़े : जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान सेहत योजना लान्च , बोले पीएम, कुछ लोग मोदी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने में लगे हैं, इशारा किधर !
इन बाल गृहों में 778 बच्चे रह रहे हैं
आयोग ने बताया कि उसके निरीक्षण दल की ओर से उपलब्ध कराई गयी जानकारी के अनुसार इन बाल गृहों में 778 बच्चे रह रहे हैं. लोकसभा सदस्य मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने इन बाल गृहों की स्थापना की थी. लोकसभा की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी में कहा गया है कि इन बाल गृहों में 1,010 बच्चे हैं. बता दें कि अजमल की ओर से इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है.
इसे भी पढ़े : बोले किसान, कृषि कानून वापस होने तक हाइवे पर ही हमारा डेरा, केंद्र सरकार के बुलावे पर ठंडा रिस्पांस!
आयोग की रिपोर्ट असम और मणिपुर की सरकारों को सौंपी गयी
बाल आयोग के अनुसार मरकजुल मारिफ की वेबसाइट पर कहा गया है कि 1080 बच्चे इन बाल गृहों में हैं. ऐसे में वेबसाइट पर उपलब्ध संख्या और निरीक्षण दल को इन बाल गृहों द्वारा बताई गयी संख्या में अंतर है. इसकी जांच करना और 300 बच्चों के बारे में स्थिति का पता करना जरूरी है. आयोग के अनुसार निरीक्षण दल ने यह भी सूचित किया है कि इन बाल गृहों में से एक को अंतरराष्ट्रीय एनजीओ आईएचएच से पैसे मिले हैं. आयोग की रिपोर्ट असम और मणिपुर की सरकारों को सौंपी गयी है.
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की से ताल्लुक रखने वाले इस एनजीओ के पदाधिकारियों से वहां के प्रशासन ने अलकायदा से इसके कथित संबंधों को लेकर पूछताछ की थी. आयोग ने यह भी कहा कि वह इसे लेकर चिंतित है कि बच्चों के बारे में अंतरराष्ट्रीय एनजीओ को विवरण मुहैया कराया गया होगा.