Chhaya
Ranchi: अधिकारियों के बीच आपसी खींचतान का असर भावी योजनाओं पर दिखता है. कई जनहित और जो उपयोगी योजनाएं इसकी बलि चढ़ जाती हैं. कुछ ऐसा ही हो रहा है ऊर्जा विभाग में. पिछले कुछ दिनों से ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार और बिजली निगमों में महत्वपूर्ण पदों में बैठे केके वर्मा के बीच खींचतान देखी जा रही है. वरीय अधिकारियों की मानें, तो दोनों के बीच कई प्रोजेक्ट्स को लेकर जिच है. केके वर्मा लंबे समय में मुख्यालय में जमे हैं. फिलहाल वर्मा जेबीवीएनएल में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ऊर्जा संचरण निगम के एमडी, ज्रेडा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सह डायरेक्टर समेत कई पदों में प्रभार में है. इस खींचतान का असर संचरण की योजनाओं समेत ट्रांसफर-पोस्टिंग में भी देखा जा रहा है.
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ट्रांसमिशन की योजनाओं पर पड़ रहा असर
बिजली बोर्ड ने डीवीसी के कमांड एरिया में पड़नेवाले सात जिलों में अपनी बिजली आपूर्ति करने की योजना बनायी. इसके लिए गोविंदपुर ट्रांसमिशन लाइन को जैनामोड़ ग्रिड से जोड़ना है. इस प्रोजेक्ट में पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्र से होकर लाइन गुजरनी है. 2015 से पश्चिम बंगाल सरकार ने इस स्वीकृति को रोक रखा था. पिछले साल उसने गोविंदपुर से लाइन बिछाने की स्वीकृति दी. बंगाल से स्वीकृति मिलने के बाद योजना लगभग छह महीने पड़ी रही. ऊर्जा सचंरण निगम और विभाग के बीच इस लाइन को चंदनकियारी, देवघर और चांडिल से जोड़ने को लेकर अलग-अलग राय रही. विवाद सुलझने के बाद डेढ़ महीने पहले काम शुरू हुआ. बता दें कि डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों में जेबीवीएनएल की बिजली आपूर्ति होने से इन जिलों को बिजली कटौती से मुक्ति मिलेगी. इन जिलों में देवघर, धनबाद, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, साहेबगंज और गिरिडीह है.
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ड्रिस्ट्रीब्यूशन में कई पद खाली या प्रभार में
बिजली वितरण निगम में पिछले साल दिसंबर से ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं की गयी है. जबकि कई महत्वपूर्ण पद प्रभार पर चल रहे हैं. बता दें बिजली वितरण के सीएमडी भी ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार है. जानकारी है कि कई बार पदों को भरने की जानकारी दी गयी,लेकिन अविनाश कुमार और वर्मा की खींचतान में मामला अटका है. जेबीवीएनएल क्षेत्रीय कार्यालयों में भी कई महत्वपूर्ण पद खाली है. इसमें जेबीवीएनएल जीएम जमशेदपुर, दुमका जेबीवीएनएल में डायरेक्टर के दो पद खाली है. ऊर्जा उत्पादन और संचरण में भी निदेशक का पद खाली है. ऐसे ही अन्य कई पद हैं, जो रिक्त पड़े हैं.
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अधिकारियों के बीच विवाद कोई नहीं बात नहीं है
इसके पहले भी ऊर्जा सचिवों और निगम अधिकारियों के बीच विवादों का सिलसिला रहा है. इसमें राहुल पुरवार और आरके श्रीवास्तव के बीच विवाद चर्चित रहा. बाद में सरकार ने आरके श्रीवास्तव का तबादला किया. इसके बाद डॉ नितिन मदन कुलकर्णी आये. विवादों के कारण इनका भी तबादला हुआ. फिर वंदना डाडेल ऊर्जा सचिव रहीं. विवादों का सिलसिला तब भी जारी रहा. इसके बाद राज्य में सरकार बदली और राहुल पुरवार का तबादला वितरण निगम से किया गया. इसके बाद एल ख्यांगते और फिर अविनाश कुमार सचिव बनाये गये हैं.
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