Ranchi: आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी के निधन पर कुछ भी नहीं बोलने पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी पर सवाल खड़ा किया है. जेएमएम ने कहा, ‘यह शर्मनाक बात है’, कि आदिवासियों के हक के लिए आजीवन संघर्षशील रहे फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु पर बाबूलाल मरांडी के मुंह से एक शब्द भी नहीं निकला. जब वे झारखंड विकास मोर्चा (JVM) के सुप्रीमो थे, तब उन्होंने हमेशा फादर स्वामी पर हुए मुकदमों और गिरफ्तारी का विरोध किया था.
कितनी शर्मनाक बात है की आदिवासियों के हक़ के लिए आजीवन संघर्षशील फ़ादर स्टेन स्वामी की मृत्यु पर .@yourBabulal जी के मुख से एक शब्द नहीं निकला।
झाविमो में रहते हुए बाबुलाल जी ने हमेशा फादर स्वामी पर हुए मुक़दमों एवं गिरफ़्तारी का विरोध किया – पर आज सत्ता के लालच में उन्होंने 1/2
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) July 6, 2021
ऐसा कर बाबूलाल एक बार फिर सत्ता के लालच में अपने जमीर, अपनी बोल और अपनी सोच को तिलांजलि देते हुए मौन धारण कर लिए हैं. JMM का कहना है कि जो इंसान आदिवासियों को नहीं हुआ, अपनी सोच का नहीं हुआ, कपड़ों की तरह जो हमेशा अपनी विचारधारा बदले, वह झारखंडियों का कैसे होगा.
वहीं जेएमएम के आरोप पर बीजेपी नेता दीपक प्रकाश ने सीएम हेमंत सोरेन पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
झारखण्ड में @HemantSorenJMM सरकार के आते ही चाईबासा में आदिवासियों का नरसंहार हुआ,अब तक हज़ारों बहु-बेटियों के साथ हैवानियत हुई पर मुख्यमंत्री जी चुप रहे.
रूपा तिर्की पर महीनों चुप्पी साधे रहे लेकिन एक माओवादी समर्थक की प्राकृतिक मृत्यु पर मुख्यमंत्री जी तुरंत राजनीति करने लगे ?
— Deepak Prakash (@dprakashbjp) July 6, 2021
JVM नेता रहे बाबूलाल ने कहा था, यदि फादर स्वामी जैसे लोग देशद्रोही हैं तो हम भी देशद्रोही हैं!.
बता दें कि 3 अगस्त 2018 को तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा फादर स्टेन समेत 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर देशद्रोह का मुकदमा किया गया था, तब इसके खिलाफ सर्वदलीय विपक्षी पार्टियों ने विरोध कार्यक्रम आयोजित किया था. उस वक्त बाबूलाल मरांडी JVM के नेता थे. विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल होकर उन्होंने कहा था कि यदि ये लोग देशद्रोही हैं तो हम भी देशद्रोही हैं!.
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भाजपा में शामिल होने के बाद बाबूलाल मरांडी से पूछा गया था सवाल
झारखंड में सत्ता परिवर्तन के बाद बाबूलाल मरांडी फरवरी 2020 में भाजपा में दोबारा शामिल हो गए थे. जब अक्टूबर 2020 को फादर स्वामी को गिरफ्तार किया गया था, तब भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर झारखंड भाजपा के प्रस्तावित नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी से पूछा गया था कि वे क्यों खामोश हैं, क्या पार्टी बदलने से जमीर भी बदल गया?
गिरफ्तारी पर हेमंत ने कहा था, भाजपा का हिडेन एजेंडा
अक्टूबर 2020 को जब फादर स्वामी की गिरफ्तारी हुई थी, तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि फादर स्टेन की गिरफ्तारी भाजपा का हिडेन एजेंडा है, क्योंकि जब जब भाजपा को कोई राजनीतिक संकट मंडराता दिखाई देता है तो आदिवासी, दलितों और उनके समर्थकों पर हमला शुरू हो जाता है. 83 वर्षीय वृद्ध फादर स्टेन को गिरफ्तार कर वह क्या संदेश देना चाहती है.
झारखंड में लंबे दशक तक काम करने वाले फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को हो गया निधन
बता दें कि आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी का सोमवार को जेल में रहते निधन हो गया है. मुंबई हाईकोर्ट में उनकी जमानत पर सुनवाई चल रही थी. उन्हें 1 जनवरी, 2018 को पुणे के भीमा-कोरेगांव में एक पार्टी के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हुई हिंसा मामले में अक्टूबर 2020 को NIA ने गिरफ्तार किया था. मूल रूप से केरल के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी करीब पांच दशक से झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में काम कर चुके हैं.