Bermo : तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार ने दुष्कर्म के एक मामले में दोषी को 10 साल सजा सुनाई है. नावाडीह निवासी योगेंद्र रविदास को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है. इस संबंध में नावाडीह थाना में मामला दर्ज किया गया था. जानकारी के अनुसार एक लड़की ने योगेंद्र रविदास पर नावाडीह थाना में शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण करने का मामला दर्ज किया था. घटना 2013 की है.
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दर्ज मामले कहा गया है कि योगेंद्र रविदास के साथ उक्त पीड़ित लड़की का प्रेम प्रसंग चल रहा था. योगेंद्र ने शादी का आश्वासन देकर उस लड़की से शारीरिक संबंध बनाया. जब वह गर्भवती हो गयी तो उसे दवा खिलाकर गर्भपात करा दिया और कहा कि कुछ दिन बाद शादी कर लेंगे. योगेंद्र हमेशा से शादी का आश्वासन दिया करता था. जब 2017 में योगेंद्र रविदास की नौकरी हो गयी तब से वह पीड़िता से दूरी बनाने लगा. विवश होकर पीड़िता ने 3 फरवरी 2017 को योगेंद्र के घर गयी और शादी के लिए दवाब बनाया. तब योगेंद्र रविदास और उसकी मां ने उक्त लड़की को कहीं दूसरे जगह शादी करवा देने की बात कहने लगी. इस तरह पीड़िता के साथ योगेंद्र रविदास शादी का झूठा आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाया. बयान के आधार पर नावाडीह थाने में मामला दर्ज किया गया.
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आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार के न्यायालय में आया. जहां न्यायालय में प्रस्तुत गवाहों के बयान एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद अभियुक्त योगेंद्र रविदास को दुष्कर्म के मामले में सिद्ध दोषी पाया. सिद्ध दोषी पाने के बाद अभियुक्त योगेंद्र रविदास को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 11,000 रूपए जुर्माना की सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद अभियुक्त योगेंद्र रविदास को तेनुघाट जेल भेज दिया गया. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संजय कुमार सिंह ने बहस की.