Anant Kumar
Edited by Baidyanath Jha
Bermo: झारखंड राज्य के बोकारो में एक अनोखी तीरंदाजी प्रतियोगिता है, जिसे स्थानीय भाषा में बेझा बिंधा (तीरंदाजी प्रतियोगिता) यानि निशाना लगाओ और खेत जीतो प्रतियोगिता के नाम से जाना जाता है. प्रतियोगिता के पहले विजेता को पुरस्कार स्वरूप खेत दिया जाता है, जिसमें विजेता एक साल तक खेती करते हैं. 14 जनवरी को कसमार प्रखंड के मंजूरा पंचायत में यह प्रतियोगिता संपन्न हुई. प्रतियोगिता के दूसरे राउंड में मंजूरा गांव के रेहड़ागाढ़ा निवासी कृष्ण किशोर महतो ने केले पेड़ खंभे पर निशाना लगाकर विजेता बनने का खिताब हासिल किया. इससे पूर्व भी वे खिताब अपने नाम कर चुके हैं. विजेता कृष्ण किशोर महतो के पिता बैजनाथ महतो भी आधा दर्जन बेझा बिंधा प्रतियोगिता में विजेता रह चुके हैं.
प्रतियोगिता का इतिहास
मंजूरा के स्वर्गीय रीतवरण महतो ने बेझा बिंधा प्रतियोगिता की शुरूआत की थी. विगत 100 सालों से भी ज्यादा समय से इसका आयोजन हो रहा है. प्रतियोगिता वाले जगह पर केले पेड़ के खंभे गाड़े जाते हैं. उस खंभे पर 101 कदम की दूरी से प्रतिभागी तीर-धनुष से निशाना साधते हैं. पहले निशाना साधने वाले प्रतिभागी को 1 वर्ष के लिए 20 डिसमिल जमीन उपहार में भेंट की जाती है.
प्रतियोगिता शुरू होने से पहले परंपरा के अनुसार रीतवरण महतो के वंशज एवं ग्रामीण गेन्दखेला नामक स्थान पर पूर्वजों की बनाई सूती धागे से तैयार गेंद खेलते हैं. गांव के नया तीर-धनुष चलाकर प्रतियोगिता की शुरूआत करते हैं. इसके बाद रीतवरण महतो के वंशज तीर चलाते हैं. उसके बाद प्रतिभागियों के तीर चलाने का दौर शुरू होता है. केले के खंभे गाड़ने की जिम्मेवारी गांव के गौड़ायत के जिम्मे होती है.
प्रतियोगिता के पूर्व विजेताओं के नाम
बैजनाथ महतो, परमेश्वर घांसी, दिनेश महतो, सोमर महतो, पिंटू करमाली, गुप्तेश्वर महतो, जीतनारायण ठाकुर, भीषम महतो, गोबिंद तुरी, नरेंद्र प्रजापति, परमेश्वर घांसी, लिटम तुरी समेत अन्य.
प्रतियोगिता स्थल पर विजय किशोर गौतम, गिरिवर कुमार महतो, सतीश चंद्र महतो, ओमप्रकाश महतो, मिथिलेश कुमार महतो, मतेश्वर सिंह, नरेश घांसी, नरेश महतो, विजय घांसी, जानकी महतो, तेजू महली, बिंदु हजाम, भिष्म महतो, मंटू तुरी, कान्हू महतो, जेठू महतो, रामानंद प्रसाद, लाल किशोर महतो, चेतु महतो, भोला कुमार, अनिल महतो, लखन महतो उपस्थित थे.
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