Bermo : चारों ओर बिजली की चकाचौंध के बीच नावाडीह प्रखंड का आदिवासी बहुल गांव के लोग छह माह से अंधेरे में जीवन गुजारने को विवश हैं. नावाडीह प्रखंड अंतर्गत कंजकिरो पंचायत के वनडीहवा के ग्रामीण पिछले छह माह से अंधेरे में रह रहे हैं. भीषण गर्मी में ग्रामीणों का दिन तो किसी तरह कट जाता है, लेकिन रात को बिजली के बिना उनकी परेशानी बढ़ जाती है. वनडीहवा गांव में करीब 6 माह से बिजली नहीं है. कारण 63 केवी का ट्रांसफार्मर जल गया है. इस गांव में 70 घर आदिवासियों के हैं.
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सांसद, विधायक व विभाग को भी दी सूचना
ग्रामीणों ने गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, सूबे के शिक्षा मंत्री सह डुमरी विधायक जगरनाथ महतो और संबंधित विभाग को भी ट्रांसफार्मर जलने की सूचना दी है. इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. गौर करने की बात यह है कि ट्रांसफार्मर जलने के बाद भी बिजली बिल चालू है. गांव के मोतीलाल किस्कु, बबली सोरेन ने बताया कि शाम होते ही गांव अंधेरे में डूब जाता है, बच्चों का पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ग्रामीणों को मोबाइल चार्ज करने के लिए बगल के गांव में जाना पड़ता है. 6 माह से यहां के ग्रामीण परेशान हैं.
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ढ़िबरी युग में जीने को विवश
गांव के ग्रामीणों ने अपनी दुख सुनाते हुए कहते हैं कि भले ही राज्य में सरकार हेमंत सोरेन की है, लेकिन यहां के ग्रामीण ढ़िबरी युग में जीने को विवश हैं. पंचायत चुनाव नजदीक है. दिन-रात भोंपू की आवाज ग्रामीण सुन रहे हैं. जिप सदस्य, मुखिया, पंसस प्रत्याशी वोट के लिये पहुंच रहें हैं. लेकिन 6 माह से बिजली नहीं जल रहीं है, उस पर किसी का ध्यान नहीं है. ग्रामीण कहते हैं कि किसको सुनाए, कौन सुनेगा, इसलिए थक-हार कर ढिबरी जला रहें हैं.