Bhagalpur: यह तस्वीर भागलपुर के सन्हौला प्रखंड के शाहूपाड़ा मध्य विद्यालय की है. आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार के सरकारी स्कूल के क्या हाल हैं. चलिये स्कूल में हम आपको लिये चलते हैं. स्कूल के बरामदे में एक शिक्षक ब्लैक बोर्ड में पढ़ा रहे हैं लेकिन जिस ब्लैक बोर्ड में पढ़ा रहे हैं वह लोहे का गेट है. कक्षा 4 के बच्चों को बरामदे में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है.
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कमरे में एमडीएम का सामान
जब स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बाहर से हवा आती है इसलिए बरामदे में पढ़ाते हैं. जो कमरा खाली है उसमें एमडीएम का सामान है. आपको बता दें कि इस स्कूल में 381 बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में कमरों के अलावे भी कई चीजों का अभाव साफ दिखता है. वहीं सराकर के द्वारा दी गई विकास मद की राशि अब तक नहीं आयी है.
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बरामदे में होती है पढ़ाई
कक्षा 4 की बात करें तो 54 छात्रों ने नामांकन लिया है. कुछ छात्रों ने तो बताया कि कक्षा 4 के लिए कमरा है लेकिन गलत मैनेजमेंट के कारण सभी छात्र बरामदे पर बैठकर ही पढ़ते हैं. कक्षा 4 के कमरे को स्टोर रुम बना दिया गया है. वहीं कुछ छात्रों ने यह भी बताया कि इस स्कूल के शिक्षकों को लगता है कि बच्चे स्टोर रुम में सामान की चोरी कर लेंगे इसलिए उन्हें कमरे से बाहर बरामदे पर बैठा कर पढ़ाया जाता है.
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