Lagatar Desk : बाइडेन शी जिनपिंग की बातचीत को दुनिया भर की मीडिया ने प्रमुखता दी है. भारत की मीडिया में भी इस खबर को महत्व दिया गया है. राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली वार्ता हुई है. ट्रंप के काल में चीन और अमेरिका के संबंधों में भारी तनाव और टकराव के हालात पैदा हुए थे. क्या बाइडेन का कार्यकाल चीनी नीति के संदर्भ में ट्रंप की नीति से अलग होगा या उसी पर चलेगा.
इसे लेकर दुनिया की गहरी निगाह है. इसका एक बड़ा कारण तो यही है कि दोनों ही देश विश्व की आर्थिक महाशक्ति हैं. और दोनों के बीच विश्व का एकछत्र नेता बनने की महत्वकांक्षा है. शक्ति संतुलन के नजरिए से भी इसका महत्व है. भारत और चीन के सबंधों में जबरदस्त कड़वाहट है और भारत के रक्षामंत्री ने भी स्वीकार किया है कि दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए हैं.
इसे भी पढ़ें – पूर्व डीजीपी डीके पांडेय, पत्नी और बेटे को हाइकोर्ट से बड़ी राहत, कोर्ट ने निरस्त की प्राथमिकी
शीतयुद्ध का एक लंबा दौर दुनिया देख चुकी है
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद शीतयुद्ध का एक लंबा दौर दुनिया देख चुकी है. एक बहुध्रवीय दुनिया के लिए अनेक देश सजग रहे हैं. दोनों नेताओं की बातचीत से बर्फ कितना पिघला है और भरोसा कितना बढ़ा है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल सकेगा.
इस बातचीत को लेकर बाइडेन ने ट्वीट कर जानकारी दी. यही ट्वीट खबरों की सुर्खियां बनी हैं. बाइडेन का ट्वीट है.’’ मैंने आज राष्ट्रपति शी से बात की और चीन के लोगों को लूनर नए साल की बधाई दी. मैंने चीन के व्यापार के तरीकों को लेकर भी चिंता व्यक्त की,इसके अलावा मैंने वहां हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन और ताइवान के साथ होने वाली ज़ोर-ज़बरदस्ती पर भी चिताएं प्रकट कीं. मैंने उनसे कहा है कि अमेरिका चीन के साथ तभी काम करेगा जब इसका फ़ायदा अमेरीकी लोगों को होगा.
इसे भी पढ़ें – नाबालिग के साथ गैंगरेप, डॉक्टर पर आरोप – बनायी गलत रिपोर्ट, पीड़िता है 7 माह की गर्भवती
जानते हैं मीडिया समूहों ने इस घटनाक्रम पर क्या लिखा
आइए देखें कि मीडिया के विभिन्न समूहों ने इस घटनाक्रम को किस तरह प्रस्तुत किया है. भारत की हिंदी मीडिया के एक तबके के मुताबिक इस खबर का लब्बोलुवाब यह है कि चीन को अमेरिका ने खरी-खोटी सुनायी.
कमोवेश इसी अंदाज ने इस खबर को महत्व के साथ प्रकाशित किया गया है. जबकि अंगेजी मीडिया ने विस्तार से इस खबर को लिखा है और कुछ ने इस बातचीत का विश्लेषण भी प्रकाशित किया है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है चीन के संदर्भ में बाइडेन की योजना ट्रंप से दुष्टिकोण से कहीं ज्यादा रणनीतिक है. इस अखबार ने इसमें भारत की भूमिका का भी उल्लेख किया है. बाइडेन ने अपनी विदेश नीति संबोधन में चीन को लेकर किसी योजना का विस्तार से नहीं बताया था.
रिपब्लिक की खबर में चीन को खरीखोटी सुनाने का भाव निहित है.
अमेरिका में सीएनएन,न्यूयॉर्क टाइम्स,बॉल स्ट्रीट जर्नल, वॉशिंगटन पोस्ट सहित अधिकांश की स्वर में किसी तरह की तल्खी नहीं है. इससे संकेत मिलता है कि ट्रंप के कार्यकाल से अलग एक रणनीति अमेरिका अपना रहा है. ब्रिटेन के द गार्डियन, इंडिपेंडेंट और बीबीसी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित प्रसारित किया है. पाकिस्तान के द डॉन सहित प्रमुख अखबरों ने इस खबर को ज्यादा महत्व नहीं दिया है.
इसे भी पढ़ें –THDC ने जूनियर इंजीनियर ट्रेनी के 65 पदों पर निकाली वैकेंसी, यहां देखें अपडेट