Patna : बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए मंगलवार को अभ्यर्थियों ने बीपीएससी कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि कुछ चुनिंदा सेंटरों पर सेटिंग कर धांधली की गई है. इस वजह से उस सेंटर पर परीक्षा देनेवाले अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए हैं. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने परीक्षा नियंत्रक सह सचिव अमरेंद्र कुमार को भी उनके पद से हटाने की मांग की है. उनका कहना है कि 17 नवंबर को जारी हुए बीपीएससी 67 वीं प्रीलिम्स परीक्षा का पीडीएफ फॉर्मेट में रिजल्ट जारी हुआ है, उसमें भी छेड़छाड़ की गई है.
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कई अभ्यर्थी तिरंगा लेकर पहुंचे
हंगामा कर रहे कई अभ्यर्थी तिरंगा लेकर पहुंचे. बीपीएससी प्रशासन की ओर से हंगामे को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात किये गये थे. दंगा नियंत्रण वाहन भी बीपीएससी कार्यालय के बाहर तैनात किया गया था. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गेट के अंदर जाने से रोक दिया. प्रदर्शनकारी बीपीएससी कार्यालय के अंदर जाना चाहते थे. उनकी मांग है कि 67 वीं बीपीएससी परीक्षा, जिसकी आठ मई को पेपर लीक हुई थी, उसकी सीबीआई जांच कराई जाए. इसके साथ ही छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक सह सचिव अमरेंद्र कुमार को बर्खास्त करने की मांग की. छात्रों ने कहा- अमरेंद्र कुमार 2019 से लगातार पोस्ट पर बने हुए हैं. आठ मई को पेपर लीक हुआ. उसके बाद भी अमरेंद्र कुमार को नहीं हटाया गया. उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
अभ्यर्थियों की चार प्रमुख मांगें
67वीं पीटी का संशोधित रिजल्ट दिया जाए. परीक्षा नियंत्रक को हटाया जाए. 67 वीं पीटी परीक्षा जो 8 मई को हुई और जिसमें प्रश्न पत्र लीक हुआ, उसकी सीबीआई से जांच करायी जाए, ओएमआर शीट और पीडीएफ में छेड़छाड़ की जांच हो.
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