New Delhi : बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 1,195 उम्मीदवारों में से 31 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है. चुनाव अधिकार समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. एडीआर और ‘नेशनल इलेक्शन वॉच’ के संस्थापक सदस्य एवं ट्रस्टी जगदीप छोकर ने प्रेस वार्ता में कहा है कि उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
282 उम्मीदवारों पर है गंभीर आपराधिक मामला दर्ज
रिपोर्ट के अनुसार लगभग 371 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है. वहीं 282 या 24 प्रतिशत ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है. वहीं 87 उम्मीदवारों ने हलफनामा में आपराधिक मामला दर्ज होने की बात कही है.
राजद के 44 उम्मीदवारों में से 32 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और उनमें से 22 ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की बात कही है. रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 34 उम्मीदवारों में से लगभग 26 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है. इसमें 22 ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले होने की घोषणा की है .
कांग्रेस के 25 उम्मीदवारों में से 19 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसमें 14 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. लोजपा के 42 उम्मीदवारों में से लगभग 18, जद (यू) के 37 उम्मीदवारों में से 21 और बसपा के 19 उम्मीदवारों में से पांच ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है.
लोजपा के 42 उम्मीदवारों में से 11, जद (यू) के 37 उम्मीदवारों में 11 और बसपा के 19 उम्मीदवारों में से 4 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. रिपोर्ट के अनुसार लगभग 37 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है और उनमें से पांच के खिलाफ बलात्कार से संबंधित मामले दर्ज होने का उल्लेख है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या (आईपीसी धारा-302) से संबंधित मामलों की घोषणा की है. 73 उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा -307) से संबंधित मामले की बात कही है.