Ranchi: राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फोन किया. पीएम से बातचीत के बाद हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट के बाद बीजेपी के नेताओं ने हेमंत सोरेन पर हमले शुरू कर दिया. बीजेपी नेताओं ने कहा कि हेमंत सोरेन ने अपने बयान से मुख्यमंत्री पद की गरिमा गिरा दी. दरअसल पीएम से बातचीत के बाद हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर पर लिखा कि ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया. उन्होंने सिर्फ अपने मन की बात की. बेहतर होता यदि वह काम की बात करते और काम की बात सुनते.’ हेमंत सोरेन के बयान पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी समेत कई सांसदों और विधायकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
हेमंत के बयान पर बीजेपी नेताओं ने क्या कहा
अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री : प्रधानमंत्री ने तो आपको फोन किया कि कोरोना से कैसे लड़ा जाये और भारत सरकार सबके साथ है. आपने आभार व्यक्त करने की बजाय उनकी आलोचना की. प्रधानमंत्री जी ने अपना बड़प्पन दिखाया. लेकिन आपने अपनी और मुख्यमंत्री पद की गरिमा गिरा दी. आप इस बात का ध्यान रखें कि झारखंड के साढ़े तीन करोड़ लोग इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. अपने राज्य की देखभाल करने के बजाय इस तरह की आलोचना करने से बचकर सामूहिक कार्य कर इस लड़ाई को कैसे जीतें, यह सुनिश्चित करना चाहिए.
अमित मालवीय, बीजेपी आईटी सेल चीफ : जो आपको मन की बात लगी वो काम की बात ही थी. आपकी जगह कोई और भी मुख्यमंत्री होता तो भी प्रधानमंत्री फ़ोन करते, क्योंकि झारखंड की जनता का सुख और सलामती सर्वोपरि है. इनके प्रदेश में लोग अव्यवस्था से मर रहे हैं, और इन्हें कलाबाज़ी सूझ रही है. अपने दायित्व का एहसास ही नहीं.
दीपक प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी : देश ने शायद ही कभी ऐसा स्तरविहीन मुख्यमंत्री देखा होगा. प्रधानमंत्री ने बड़ा हृदय दिखाते हुए मुख्यमंत्री को फ़ोन किया. मुख्यमंत्री के इस बयान की निंदा आज झारखंड का प्रत्येक नागरिक कर रहा है. काश सुनसान सड़कों पर घूमने के बजाए मुख्यमंत्री अस्पतालों में जाकर देखते की स्थिति क्या है.
बाबूलाल मरांडी, नेता विधायक दल, बीजेपी : हेमंत सोरेन एक असफल सीएम हैं. शासन में विफल हैं. राज्य में COVID से निपटने में विफल हैं. लोगों की सहायता करने में विफल हैं. अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए वह ऐसे प्रपंच रचते हैं. घड़ी चल रही है जागिए मुख्यमंत्री और काम करिये.
रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड : अहंकार छोड़िये हेमंत जी. पद की गरिमा का ख्याल रखिए. प्रधानमंत्री को झारखंड से काफी स्नेह है. राज्य में फैली कुव्यवस्था से चिंतित प्रधानमंत्री जी ने आपको फोन किया. राजनीति बंद कर उनके सुझावों पर अमल करें. राज्य की ध्वस्त हो रही व्यवस्था संभालिये.
संजय सेठ, बीजेपी सांसद, रांची : प्रधानमंत्री ने एक राज्य के मुख्यमंत्री को राज्य की स्थिति पर बात करने फोन किया था. यह कोई राजनैतिक बातचीत नहीं थी. तनिक मर्यादा का ख्याल तो रखे होते मुख्यमंत्री जी! आपकी यह भाषा राज्य की उस जनता का भी अपमान है, जिसका हालचाल जानने प्रधानमंत्री ने फोन किया था.
डॉ निशिकांत दुबे, बीजेपी सांसद, गोड्डा : अपने पूरे जीवन काल में मैंने इतना घटिया मानसिकता का मुख्यमंत्री नहीं देखा,जिसको प्रधानमंत्री जी पर भी इतनी हल्की बात बोलने पर शर्म नहीं आती.प्रधानमंत्री ने लोगों का हाल पूछा, आप हाल पूछने के लिए प्रधानमंत्री पर नीच कमेंट करते हो. अपनी नहीं पद की मर्यादा का सम्मान सीखिए.
पीएन सिंह, बीजेपी सांसद, धनबाद : भारत के प्रधानमंत्री द्वारा इस आपदा काल में झारखंड के मुख्यमंत्री से राज्य का हालचाल जाना और उसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा tweet उनके बेतुका, स्तरहीन एवं अविवेकपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है. यह पद के गरिमा के बिल्कुल विपरीत है.
सीपी सिंह, बीजेपी विधायक, रांची : एक राज्य के मुखिया का अपने प्रधानमंत्री के लिए ऐसा वक्तव्य आपके स्तरहीनता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी. बेहतर होगा आप झारखंड के गिरती हुई स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दें. बयानबाजी करके कितने दिन राज्यवासियों के आंखों में धूल झोंकियेगा.
भानू प्रताप शाही, बीजेपी विधायक, भवनाथपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपको फोन कर कोरोना की हालात पर जानकारी ली, तो आपको तकलीफ क्यों हो रही है? आपको तो आभार जताना चाहिए. लगता है बंगाल का भूत आपके सर पर चढ़ गया है! घबरायें नहीं उतर जाएगा ! कल ऑक्सीजन के बिना पांच लोग सदर अस्पताल में मर गये ज़िम्मेवार कौन? आप
नवीन जायसवाल, बीजेपी विधायक, हटिया : देश ने शायद ही कभी ऐसा स्तरविहीन मुख्यमंत्री देखा होगा. प्रधानमंत्री ने बड़ा हृदय दिखाते हुए मुख्यमंत्री को फ़ोन किया, लेकिन मुख्यमंत्री के इस बयान की निंदा आज झारखंड का प्रत्येक नागरिक कर रहा है. काश सुनसान सड़कों पर घूमने के बजाए अस्पतालों में जाकर देखते की स्थिति क्या है.
मनीष जायसवाल, बीजेपी विधायक, हजारीबाग : अशोभनीय!!! बहुत समय मिलता आपको राजनीति के लिए, लेकिन… दयनीय स्थिति है हजारीबाग जिले में, परन्तु जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के नाते अभी उचित समय ना होने के कारण बहुत मुद्दों को सार्वजनिक नहीं कर रहा हूं. बेहद दुखद है, अपने राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी भाषा का प्रयोग होते देख.
अमर बाउरी, बीजेपी विधायक, चंदनकियारी : अत्यंत ही ओछी हरकत कर दी आपने. मुख्यमंत्री पद की गरिमा भी गिरा दी. कुछ तो परिस्थितियों के ध्यान के साथ-साथ झारखंड में तड़प रहे लोगों के प्रति संवेदनशील होते, लेकिन नहीं आपको तो राजनीति चमकानी थी. प्रधानमंत्री जी ने जनता का हाल जानने के लिए फोन किया और आप पर…धिक्कार है.
लुईस मरांडी, पूर्व मंत्री : शर्मनाक !!! कुर्सी का मान और झारखंड की शान दोनों ही खंडित कर दिया आपने. अगर आप एक TROLL अकाउंट की भूमिका निभाना चाहते हैं तो आपको आपकी ओछी सोच मुबारक. यहां स्वास्थ्य व्यवस्था में हाहाकार मची है पर आपको युवराज राजनीतिक दुर्भावना से फुर्सत मिले तब ना.
अमित कुमार, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी : बड़बोलेपन की सारी हदें पार. खुद तो झारखंड में कोरोना संभालने में नाकाम हो चुके मुख्यमंत्री से जब प्रधानमंत्री राज्य का हाल चाल ले रहे तब इनकी भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए इस प्रकार शर्मनाक है. यह झारखंड के प्रतिनिधि होने के नाते झारखंड की जनता का अपमान है मुख्यमंत्री जी.