NewDelhi : भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन में कथित रूप से नवजात बछड़े के सीरम के इस्तेमाल को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. बता देंकि इस संबंध में आये आरटीआई के जवाब और कांग्रेस में डिजिटल कम्युनिकेशन और सोशल मीडिया के कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी के ट्वीट के बाद एक नया बवाल बढ़ गया है.
In an RTI response, the Modi Govt has admitted that COVAXIN consists Newborn Calf Serum …..which is a portion of clotted blood obtained from less than 20 days young cow-calves, after slaughtering them.
THIS IS HEINOUS! This information should have been made public before. pic.twitter.com/sngVr0cE29
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 15, 2021
#MythvsFacts#LargestVaccineDrive
The final vaccine product of #COVAXIN does not contain newborn calf serum at all.https://t.co/2sbXI3xOTu pic.twitter.com/yOmNpBB9gA
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 16, 2021
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गौरव पांधी ने आरटीआई के जवाब को ट्वीट किया
गौरव पांधी ने आरटीआई के जवाब को ट्वीट किया, जिसमें पांधी द्वारा दावा किया गया कि नवजात बछड़े के सीरम का इस्तेमाल COVID-19 वैक्सीन, कोवैक्सीन बनाने में किया जाता है. गौरव पांधी ने कहा कि कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल हुआ है. बताया गया है कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने विकास पाटनी नाम के व्यक्ति के आरटीआई पर दिया है.
कांग्रेस के गौरव पांधी का कहना है कि 20 दिन से कम उम्र वाले गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल कोवैक्सीन में किया जाता है. अगर ऐसा है तो सरकार के द्वारा पहले इस बारे में जानकारी क्यों नहीं दी गयी, क्योंकि इससे धार्मिक भावनाएं भी आहत हो सकती हैं.
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पवन खेड़ा ने कहा सरकार और भारत बायोटेक जवाब दें
गौरव द्वारा ट्वीट किया गया कि एक RTI के जवाब में मोदी सरकार ने माना है कि कोवैक्सीन में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल होता है. इसमें 20 दिन से उम्र वाले बछड़े को मारकर उसका इस्तेमाल होता है. यह जघन्य अपराध है, यह जानकारी पहले ही सबसे सामने आनी चाहिए. गौरव पांधी द्वारा इस मसले पर अन्य कई ट्वीट किये गये. इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि हम चाहते हैं कि आरटीआई में जो जवाब आया है, सरकार और भारत बायोटेक उसका जवाब दें.
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कोवैक्सीन को लेकर कांग्रेस ने जो भ्रम फैलाया है वो महापाप है : संबित पात्रा
बवाल बढ़ता देख भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका जवाब दिया. संबित पात्रा ने कहा कि भारत में निर्मित कोवैक्सीन को लेकर कांग्रेस ने जो भ्रम फैलाया है वो महापाप है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोवैक्सीन में गाय के बछड़े का सीरम/खून होने को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है कि गाय के बछड़े को मारकर यह वैक्सीन तैयार की गयी है.
इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि नवजात बछड़े के सीरम का उपयोग वेरो सेल के विकास के लिए किया जाता है, वैक्सीन बनाने में दशकों से इस्तेमाल की जाने वाली यह तकनीक है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार फाइनल कोवैक्सिन डोज में सीरम का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
विवाद पर भारत बायोटेक ने दिया जवाब
सोशल मीडिया पर लगातार कोवैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किये जाने के बाद भारत बायोटेक द्वारा सफाई जारी की गयी है. भारत बायोटेक का कहना है कि वायरल टीकों के निर्माण के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है. इनका इस्तेमाल सेल्स की ग्रोथ के लिए होता है, लेकिन SARS CoV2 वायरस की ग्रोथ या फाइनल फॉर्मूला में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है.
भारत बायोटेक ने कहा कि कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है. कहा कि बछड़ों के सीरम का इस्तेमाल वैक्सीन के निर्माण के लिए कई दशकों से दुनियाभर में किया जा रहा है. पिछले करीब नौ महीने से इसके बारे में सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर जानकारी दी जा चुकी है.
लोगों को गुमराह किया जा रहा है : स्वास्थ्य मंत्रालय
. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि कोवैक्सीन के फाइनल प्रोडक्ट में बछड़े का सीरम नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और गुमराह किया जा रहा है. इसके अलावा अलग-अलग राजनीतिक दलों द्वारा इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना की गयी है.. शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि जो लोग वैज्ञानिक रिसर्च के दावों की बात करते हैं, वो अब कोवैक्सीन को लेकर इस तरह के दावे पोस्ट कर रहे हैं. कृप्या वैक्सीन के खिलाफ इस तरह की बातें फैलाना बंद करें.