Ranchi : रांची नगर निगम में मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त मुकेश कुमार के बीच विगत कुछ माह से चल रही खींचतान जल्द ही राजनीतिक रूप से ले सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने निगम के वैसे पार्षद जो पार्टी समर्थक हैं, उन सभी को मेयर के समर्थन में एकुजट होने का निर्देश दिया है. इसके अलावा जल्द ही प्रदेश भाजपा अपने जनप्रतिनिधियों वाले नगर निकायों की कुर्सी बचाने के लिए भी सड़क पर उतर सकती है. बीते 11 सितंबर को पार्टी मुख्यालय में आशा लकड़ा सहित निगम में 20 पार्षदों के साथ बैठक कर दीपक प्रकाश ने मेयर-नगर आयुक्त विवाद और नगर निकायों को लेकर महाधिवक्ता के दिये मंतव्य पर बातचीत की. इसके बाद यह बात सामने आयी है कि नगर निकायों को लेकर प्रदेश भाजपा अब राज्य सरकार से आमने-सामने के मूड में है.
इसे भी पढ़ें – बाबूलाल के सलाहकार सुनील तिवारी को यूपी से रांची लायी पुलिस, यौन शोषण के हैं आरोपी
मेयर के समर्थन में हैं भाजपा समर्थित पार्षद
सूत्रों की मानें, तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पार्षदों को यह निर्देश दिया है कि राज्य सरकार के इशारे पर चल रहे विवादों को देखते हुए जरूरी है कि वे आपस में एकता बनाकर रखें. भाजपा जनप्रतिनिधि आशा लकड़ा अकेले मोर्चा संभाले हुई हैं. ऐसे में पार्टी समर्थित सभी पार्षदों को चाहिए कि वे आपसी विवादों को दूर रखें. बैठक में कुछ पार्षदों (संख्या 4 के करीब) ने मेयर के खिलाफ दीपक प्रकाश से शिकायत भी की. हालांकि मेयर के समर्थन वाले पार्षदों (संख्या 16 के करीब) ज्यादा थी.
भाजपा गढ़ वाले नगर निकायों के जनप्रतनिधियों का महाजुटान जल्द
बता दें कि पिछले दिनों राज्य के महाधिवक्ता ने नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों के संदर्भ में जो मंतव्य दिया है. उससे भाजपा के गढ़ वाले निकायों के जनप्रतिनिधियों में काफी नाराजगी है. निगम के एक पार्षद ने बताया है कि इसे लेकर बहुत जल्द राजधानी में ऐसे जनप्रतिनिधियों का एक महाजुटान हो सकता है. ऐसा कर सभी जनप्रतिनिधि राज्य सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे. इससे पहले अपने निगम कार्यालय में बीते शुक्रवार को कई जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर मेयर ने इसका संकेत भी दे दिया है.
इस बैठक में हजारीबाग नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की, खूंटी नगर पंचायत के अध्यक्ष अर्जुन पाहन, चतरा नगर परिषद के अध्यक्ष गुंजा देवी, रामगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष योगेश विद्या एवं उपाध्यक्ष मनोज कुमार महतो उपस्थित थे. वहीं मंगलवार को मेयर ने भाजपा समर्थित जनप्रतिनिधियों के साथ राज्यपाल से भी मुलाकात की है.
महाधिवक्ता के मंतव्य को मेयर व अध्यक्षों ने माना अधिकार का हनन
निकायों में जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के कार्य क्षेत्रों तथा अधिकार पर नगर विकास विभाग द्वारा मांगे मंतव्य में महाधिवक्ता ने जो कहा है, उससे भाजपा समर्थित मेयर और अध्यक्षों ने अपने अधिकारियों का हनन माना है. महाधिवक्ता ने कहा था कि नगरपालिका अधिनियम के मुताबिक, नगर निकायों में आयोजित होनेवाली पार्षदों की बैठक बुलाने का अधिकार केवल और केवल नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी या विशेष पदाधिकारी को है. पार्षदों के साथ बुलायी गयी किसी भी बैठक के लिए एजेंडा तैयार करने का अधिकार भी नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी को ही है. बैठक का एजेंडा और कार्यवाही में मेयर और अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं है.
इसे भी पढ़ें – ईरान की चेतावनी पर तालिबान भड़का, कहा, पंजशीर हमारा आंतरिक मामला, पाकिस्तानी हस्तक्षेप को नकारा