Ranchi : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम को हटाने की मांग की है. हेमंत सरकार में विधि व्यवस्था की स्थिति बद से बदत्तर होने का आरोप लगाकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्तमान सरकार में आज आदिवासी-दलित सुरक्षित नहीं है. आये दिन उनके ऊपर हमले हो रहे हैं. उनकी जमीन सुरक्षित नही रह गयी है. भाजपा नेता रविवार को रांची से सटे रातू थानांतर्गत तिलता मौजा के दौरे पर थे. बता दें कि बीते दिनों तिलता मौजा में जमीन हथियाने की घटना के बाद हुई हिंसा में कुछ आदिवासी घायल हुए थे. घटना में एक की मौत भी हुई थी. बाबूलाल इन्हीं पीड़ित आदिवासी परिवार एवं घायल से मिलने अस्पताल पहुंचे थे.
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पीड़ितों को न ही सरकारी मदद मिली और ना चिकित्सीय सहायता
बाबूलाल ने कहा कि तिलता मौजा में स्थानीय ग्रामीण वर्षों से पूजा करते आ रहे हैं. उक्त जमीन पर निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद विगत 30 सितंबर को 50-60 हथियारबंद लोग जमीन पर कार्य करा रहे थे. स्थानीय ग्रामीणों के विरोध पर बिचौलियों ने एक आदिवासी विधवा सुको उरांव पर गाड़ी चढ़ा दी. दोनों ओर से हुई झड़प में एक बिचौलिए की मौत हो गई. मरांडी ने कहा कि आज सुको ज़िन्दगी और मौत से जूझ रही है. उसे न कोई सरकारी मदद मिली न कोई चिकित्सीय सहायता. उल्टे पुलिस 3 ग्रामीणों को पकड़कर ले गई.
पीड़ितों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन करेगी भाजपा
बाबूलाल ने कहा है कि अब क्या अपनी परंपरा और जमीन बचाने के लिए आवाज़ उठाने वाले आदिवासियों को भी न्याय नहीं मिलेगा? उन्होंने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये. साथ ही ऐसे जमीन दलालों को चिह्नित कर जेल भेजा जाए. सुको उरांव के लिए बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था हो और अकर्मण्य ग्रामीण एसपी को तत्काल निलंबित किया जाये. उन्होंने कहा कि सरकार त्वरित कार्रवाई नहीं करती है तो भाजपा न्याय दिलाने के लिये आंदोलन करेगी. मरांडी के साथ प्रवक्ता सरोज सिंह, सुरेश साहू, बल्कु उरांव, इंद्रजीत यादव, जितेंद्र वर्मा आदि उपस्थित थे.
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