NewDelhi/Ahmedabad : भाजपा को मिले राजनीतिक चंदे(614.53 करोड़ रुपया) को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है. कल 1 दिसंबर को गुजरात में पहले चरण की वोटिंग होने जा रही है. वोटिंग से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने भाजपा पर हल्ला बोल दिया है. बता दें कि निर्वाचन आयोग ने देश के आठ राष्ट्रीय दलों में से चार की आय-व्यय रिपोर्ट सार्वजनिक की है. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 2021-22 में केंद्र और कई राज्यों में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी को 614.53 करोड़ रुपये का चंदा मिला कांग्रेस ने भाजपा को मिले इस चंदे पर सवाल खड़े कर दिये हैं.
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वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करने के लिए भाजपा ऐसे हथकंडे अपनाती है
चुनाव आयोग का दरवाजा पर गुहार लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वोटिंग पैटर्न को प्रभावित करने के लिए भाजपा ऐसे हथकंडे अपनाती है. इस वजह से कोई लेवल प्लेइंग नहीं बची है, कहीं कोई समानता नहीं चल रही है. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इसे वसूली करार देते हुए कहा कि कांग्रेस जो 137 साल से भी ज़्यादा पुरानी है, उसे कितना पैसा मिला है? भाजपा को शायद 6 गुना ज़्यादा पैसा मिला है , ये तो वो पैसा है जो उन्होंने चेक के माध्यम से लिया है. विधायकों को खरीदने में, सरकार गिराने में जिस पैसे का इस्तेमाल होता है, उसका तो कोई स्रोत ही नहीं है. आरोप लगाया कि सारा पैसा अनअकाउंटेड है. कहा कि राहुल गांधी बिल्कुल ठीक कहते हैं कि ये लोग मनी ट्रांसफर स्कीम चला रहे हैं जहां पर गरीबों से पैसा लिया जाता है और अमीरों को दे दिया जाता है.
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भाजपा चुनावी चंदे के लिए पुरखों की संपत्ति बेच रही है
कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनावी चंदे के लिए पुरखों की संपत्ति बेच रही है. भाजपा लोगों को डरा धमका कर वसूली कर रही है. जान लें कि आयोग ने आठ राष्ट्रीय दलों में से चार की आय-व्यय रिपोर्ट सार्वजनिक की है, उसमें कांग्रेस को सिर्फ 95.86 करोड रुपये का चंदा मिला हैं. आम आदमी पार्टी को 44.54 करोड़ रुपये,तृणमूल कांग्रेस को 43 लाख रुपये मिले हैं, केरल में सत्तारूढ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (सीपीएम) को 10 करोड़ पांच लाख रुपये का चंदा मिला है. नियमानुसार जब किसी पार्टी को 20 हजार से ज्यादा चंदा मिलता है, तब ही उसका ब्योरा चुनाव आयोग को दिया जाता है. ऐसे में चंदे को लेकर असल आंकड़े और बड़े हो सकते हैं.