Ranchi: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रांची पुलिस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि रांची पुलिस ने लिखा है कि मुख्यमंत्री का पद एक उच्च स्तरीय संवैधानिक पद है, जिसकी सुरक्षा के सभी पहलू संवेदनशील होते हैं. इसके संधारण के लिए सभी को दृढ़ होना पड़ता है. उन्होंने एसएसपी ने कहा कि मोरहाबादी मैदान से सीएम आवास दो किलोमीटर की दूरी पर है. जगह-जगह बैरेकेडिंग पार कर भाजपा कार्यकर्ता सीएम हाउस ही तरफ नहीं बढ़े थे. सिर्फ मोरहाबादी मैदान के बगल में लगी कंटीली बैरेकेडिंग के पास सांकेतिक प्रदर्शन हुआ. लेकिन पुलिस ने जहरीली गैस आमजनों पर छोड़ी.
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आपकी जिम्मेदारी तब कहां थी
कहा कि आपकी जिम्मेदारी तब कहां थी, जब सीएम का सुरक्षा घेरा तोड़ लोग सीएम हाउस के पहाड़ तक आ गए थे. सड़क जाम कर दी गई थी. तारीख याद ना हो तो 20 जनवरी का धारा 144 का आदेश और उसके उल्लंघन की तस्वीरें देख लीजिए. ये बस एक तारीख मैंने बताई है. दो किलोमीटर की दूरी पर भाजपा के कार्यकर्ता आपको सीएम की सुरक्षा खतरे में डालने वाले लग रहे हैं. जबकि धारा 144 के बावजूद सीएम हाउस के गेट पर पहुंच कर सड़क जाम करने वाले पुलिस के कौन लगते हैं? ये रिश्ता क्या कहलाता है? स्पष्ट है कि पुलिस का व्यवहार सत्ताधारी दलों के कार्यकर्ता के लिये कुछ और एवं दूसरे लोगों के लिये कुछ और है. दूसरी बात आपने पूरी जिम्मेदारी से पुलिसिया कार्रवाई को उचित बताया है. फिर क्यों नहीं एक दो दिनों में नामज़द 52 लोगों समेत उन 12000 लोगों पर चार्जशीट दायर कर देते हैं, जिन्हें आपने एफ़आइआर में अभियुक्त बनाया है?
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