Ranchi : छठ महापर्व को लेकर हेमंत सरकार की ओर जारी किये गये गाइडलाइन का विरोध जारी है. खासकर विपक्षी पार्टी बीजेपी की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. सरकार के आदेश के विरोध में राजधानी के डोरंडा स्थित मत्स्य विभाग के बटन तालाब में बीजेपी की ओर से विरोध जताया गया. बीजेपी सांसद संजय सेठ, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, विधायक सीपी सिंह, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने सोमवार को पानी के खड़े होकर हठयोग कर विरोध-प्रदर्शन किया.
रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि झामुमो राजनीति कर रही है और हिंदुओं की भावनाओं से खेल रही है. अगर इतनी हिंदूओ की धार्मिक भावनाओं की कद्र होती, तो ऐसा आदेश सरकार जारी नहीं करती. साथ ही सांसद ने कहा कि हम सारे गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं, सरकार कह रही है कि घर में छठ करो हम घर में करेंगे.
साथ ही संजय सेठ ने कहा कि घर के सामने सरकार एक गड्ढा खुदवाये और उसमें पानी की व्यवस्था करा दे. वैसे तो सरकार पीने के लिए पानी की व्यवस्था करा नहीं पा रही है तो उस गड्ढे में पानी कहां से देगी. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और वर्ग विशेष को खुश करने के लिए यह आदेश जारी किया है.
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सरकार ने देर से जारी की गाइडलाइन – सीपी सिंह
प्रदर्शन कर रहे रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सरकार ने बहुत देर से गाइडलाइन जारी किया है. सभी लोगों ने तैयारी कर ली थी. लेकिन अब सरकार घर में रहकर अर्घ्य देने को बोल रही है. यह कहां से संभव है. साथ ही कहा कि सवाल यह है कि सरकार हमेशा हिंदू भावनाओं पर ही कुठाराघात क्यों करती है, एक तरफ हजारों की भीड़ को आप संबोधित करते हैं, जनाजे में हजारों लोग शामिल होते हैं तो वहां पर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की जाती है. लेकिन इस महापर्व पर ऐसी गाइडलाइन जारी करना बिल्कुल सही नहीं है. यह हिंदूओं की भावनाओं से खिलवाड़ हुआ है.
गाइडलाइन से छठ व्रतियों को पहुंचा है ठेस – डिप्टी मेयर
वहीं डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि निगम पिछले 15 दिनों से तालाबों की साफ-सफाई करा रहा है. लेकिन सरकार की गाइडलाइन आ जानने की वजह से छठ व्रतियों की भावनाओं को ठेस पहुंचा है. जो गाइडलाइन आयी है, वह हिंदू समाज की भावनाओं पर कुठाराघात है. जिस प्रकार से लाखों श्रद्धालु छठ व्रत करते हैं, तालाबों में आकर अर्घ्य देते हैं.
तो इस आदेश को जारी होने के बाद भी हमें नहीं लगता कि कोई श्रद्धालु अपने घरों में रुकेगा, अगर ऐसा होता है तो श्रद्धालुओं को सुबह में अंधेरे की वजह से अर्घ्य देने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार की गाइडलाइन जारी होने के बाद लाइट की व्यवस्था निगम नहीं करा सकता. हम सरकार से मांग करेंगे कि इस गाइडलाइन में कुछ संशोधन करके छठ के व्रत को तालाबों में करने की अनुमति दी जाये.
एकदिवसीय धरना देंगे छठ पूजा संचालक
हेमंत सरकार की ओर छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइन का पूजा संचालक भी विरोध कर रहे हैं. पूजा संचालकों ने ये निर्णय लिया है कि 17 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में एक दिवसीय महाधरना देंगे. सभी संचालक गांधी प्रतिमा के पास 10.45 बजे से एक दिवसीय धरना देंगे. साथ ही संचालकों ने लोगों से भी आग्रह किया है कि छठ के लिए जारी गाइडलाइन के विरोध कार्यक्रम में शामिल हो.
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