Dinesh Pandey
Bokaro : एशिया के सबसे बड़े बोकारो स्टील प्लांट कभी आंतरिक सुरक्षा, साफ- सफाई, बिजली- पानी की 24 घंटे आपूर्ति को लेकर चर्चा में रहा करता था. आज सेल के इस स्टील प्लांट की चर्चा हर तरह की अव्यवस्था को लेकर हो रही है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सेल के अपने नगर के ठोस कचड़े के निस्तारण के लिए कोई प्लांट या अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है. कचरे को बीच शहर में ही डंप किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें –दुमका : थाने के हाजत में युवक ने की आत्महत्या, ग्रामीणों ने पकड़ कर किया था पुलिस के हवाले
जारी है कचरा डंपिंग
प्रतिदिन सैकड़ों टन कचरा नगर के बीचों- बीच एक खाली स्थान में डंप कर दिया जाता है. और कचरे में आग लगा दी जाती है. बदबू और धुंए से आसपास के क्षेत्र के हजारों लोगों की सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
इसे भी पढ़ें –‘गुड लक जैरी’ की शूटिंग शुरु,जाह्नवी का फर्स्ट लुक आया सामने
जान कर भी अंजान बनते हैं अधिकारी व प्रतिनिधि
मुदहुँ आंख कितहु कछु नाही यह कहावत कचरा इंप क्षेत्र में चरितार्थ होता दिख रहा है. विडंबना यह है कि जनप्रतिनिधि हो या यूनियन लीडर सभी को इस समस्या की वर्षों से जानकारी है. लेकिन उन्होंने भी इस बाबत संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ कोई आंदोलन या ठोस कदम नहीं उठाया. जब हमारे संवाददाता दिनेश पांडेय ने लगातार दो बार बोकारो से विधायक बिरंची नारायण से बात की तो उन्होंने कहा 55 वर्ष से यह समस्या है, लेकिन उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं था कि समस्या को लेकर क्या उन्होंने कभी विधानसभा में मामला उठाया है. आगे उन्होंने समस्या की समाधान की जिम्मेवारी जिला प्रशासन पर डाल दी.
इसे भी पढ़ें –Lagatar Impact: हंगर गार्डन में हो रहे फेयरवल पार्टी में हुए मारपीट पर पुलिस मुख्यालय ने लिया संज्ञान, जांच का दिया आदेश
समस्या से होने वाली समस्या को गिनवाया
बोकारो स्टील प्लांट के यूनियन लीडर ने भी इस समस्या से होने वाली समस्या को गिनाया. परंतु निस्तारण के लिए उनके यूनियन ने कभी कड़े कदम नहीं उठाएं. ऐसी कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी. कचरा डंपिंग स्थल के भौतिक निरीक्षण के दौरान हमारे संवाददाता को वहां कचरा चुनने वाले दो गरीब लोगों से मुलाकात हुई. उनकी रोजी-रोटी कचरा चुनकर चलती है, लेकिन उनके स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है, यह बात उन्होंने भी स्वीकार किया.
इसे भी पढ़ें –हजारीबाग: समिति बनाने के नाम पर नरसिम्हा स्पॉन्ज आयरन फैक्ट्री ने की खानापूर्ति, लोगों को अब भी हो रही समस्या
डीसी ने भी झाड़ा पाला
अंत में जिले के उपायुक्त राजेश कुमार सिंह ने बात की गया तो उन्होने कहा कि कचरा निस्तारण की व्यवस्था तो बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन को ही करनी है. इसके लिए जिला प्रशासन दबाव बना रहा है. आने वाले तीन से चार दिनों के अंदर संयंत्र प्रबंधन और जिला प्रशासन के बीच इस समस्या के निदान को लेकर बैठक होने वाली है. उन्होंने दावा किया कि बहुत जल्द नगर वासियों को इस समस्या से निजात मिलेगी.
इसे भी पढ़ें –मल्टीनेशनल कंपनियों को चुनौती देगा खादी इंडिया का वैदिक पेंट, लांचिंग आज