2017 वेज रिवीजन का मामला, कोर्ट ने प्रबंधन से मांगा जवाब
Bokaro : सार्वजनिक क्षेत्र का प्रतिष्ठान स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में वर्ष 2017 में हुए वेज रिवीजन में कथित धांधली व अनियमितता के खिलाफ बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ की भिलाई यूनियन बीएकेएस भिलाई द्वारा प्रिंसिपल बेंच, नई दिल्ली में दायर की गई याचिका को स्वीकार कर लिया गया है. यूनियन की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने सेल प्रबंधन को नोटिस भेजने का निर्देश दिया. सेल प्रबंधन को 4 सितंबर तक जवाब देना है. यूनियन ने अपनी याचिका में 15% फिटमेंट, 35% पर्क्स, 39 माह का फिटमेंट एरियर व 58 माह का पर्क्स एरियर (ब्याज के साथ) की मांग की है.
ज्ञात हो कि सेल वेज रिवीजन 2017 पर सवाल उठते रहे हैं. आरोप है कि बगैर आम सहमति के सिर्फ बहुमत के आधार पर वेज रिवीजन एमओयू को लागू कर दिया गया. उसमें भी वेज रिवीजन एमओयू में वर्णित एरियर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. एक तरफ अधिकारी वर्ग को 19 माह के पर्क्स का एरियर दे दिया गया, लेकिन कर्मचारियों के लिए सरकार की मंजूरी का हवाला देकर पर्क्स एरियर से वंचित रखा गया है. यहां तक कि इस्पात स्टैंडिंग कमेटी के आदेश को भी नजरअंदाज कर दिया गया. बीएकेएस की बोकारो इकाई के अध्यक्ष हरिओम ने आरोप लगाया कि बाहरी व गैर निर्वाचित यूनियन नेताओं के सहयोग से धांधली भरा वेज रिवीजन कराया गया है. यूनियन ने यूनियन ने सबसे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, फिर न्यायालय के निर्देश पर कैट दिल्ली में याचिका दायर की गई. उन्होंने कहा कि प्रबंधन को लिखित रूप में जवाब देना होगा कि आखिरकार सेल कर्मियों के साथ जानबूझ कर भेदभाव क्यों किया गया. बीएसएल सहित सेल की सभी इकाइयों के कर्मचारी कंपनी के एसेट हैं. वेतन भत्ते सहित सभी लाभों में बराबर की हिस्सेदारी उनका हक है.
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