Bokaro : आदिवासी सेंगेल अभियान की तत्त्वाधान में बोकारो जिला अध्यक्ष सुखदेव मुर्मू के नेतृत्व में विश्व आदिवासी अधिकार घोषणा पत्र जारी किया है, उसको लागू कराने हेतु आदिवासी सेंगेल अभियान के द्वारा सेंगेल के सात प्रतिनिधि मंडल ने प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम 5 प्रमुख मांगों की मान्यता संबंधी ज्ञापन पत्र सौंपा गया.
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प्रमुख मांगें-
आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम (TSRS) में सुधार लाने के लिए अविलंब जनतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों और व्यवहार का समावेश किया जाए, दूसरा भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को “सरना धर्म कोड” को अविलंब मान्यता देकर जनगणना में शामिल किया जाए व भारत की एकमात्र संवैधानिक मान्यता प्राप्त (आठवीं अनुसूची में शामिल) बड़ी आदिवासी भाषा- संताली भाषा को अविलंब झारखंड की प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए. असम और अंडमान में शताब्दियों से बस गए झारखंडी आदिवासियों को अविलंब अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया जाए तथा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर 2000 को स्थापित झारखंड प्रदेश (दिशोम) मूलतः आदिवासी प्रदेश है, इसको लुटने-मिटने से बचाने के लिए सभी संवैधानिक, कानूनी प्रावधानों को सकारात्मक रूप से सक्रिय किया जाए. बिरसा मुंडा और सिदो मुर्मू का सपना “आबोआग दिशोम आबोआग राज” को स्थापित किया जाए.
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ज्ञापन पत्र देने वालों में शामिल प्रमुख व्यक्ति
सेंगेल के प्रतिनिधि मंडल से बोकारो जोन सेंगेल परगना करमचंद हांसदा, बोकारो जिला अध्यक्ष सुखदेव मुर्मू, बोकारो जिला सेंगेल टावर जयराम सोरेन, सेंगेल परगना चास प्रखंड अध्यक्ष जलेश्वर किस्कू, सेंगेल प्रखंड अध्यक्ष राखो किस्कू, कोमल किस्कू, कृष्णा किस्कू, निर्मला मुर्मू, उपेन्द्र हेम्बरम, महेश सोरेन, विन्तोष टुडू, कंचन सोरेन, गंगा मुनि किस्कू, रिंकी हेम्बरम, अनिता हांसदा, साधमुनि हेम्बरम सहित सिंगल के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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