Bokaro : बोकारो जिला परिषद के दो डाकबंगला भवनों पर पुलिस ने 20 वर्षो से कब्जा जमा कर रखा है. जरीडीह प्रखंड के बांधडीह डाकबंगला में जरीडीह पुलिस का 20 सालो से कब्जा है. जबकि चंदनकियारी प्रखंड के बरमसिया के पुराना डाकबंगला में 10 साल से कब्जा कर रखे है. जिला परिषद अपना भवन खाली कराने के लिए परेशान है. जिला परिषद ने सामान्य परिषद की बैठक में करीब ढाई लाख रुपए बकाया भाड़ा तय कर एसपी को पत्र लिखकर भुगतान करने को कहा है. लेकिन तत्कालीन एसपी की तरफ से किराया को लेकर अबतक कोई जवाब नहीं दिया गया है.
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एसपी को लिखा जा चुका है पत्र
जिलापरिषद अध्यक्ष सुषमा देवी ने बताया कि डाक बंगलों का निरीक्षण किया गया था, उस दौरान पुलिस अधिकारियों का कहना था कि उनके रहने की जगह नहीं है. पुलिस वालों के रहने से जिला परिषद को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसका किराया मिलता रहना चाहिए. इस संबंध में एसपी को पत्र लिखा गया है. लेकिन एसपी ने कोई जवाब नहीं दिया है.
जिप की बैठक में निर्धारित किया गया था किराया
जिला परिषद की सामान्य परिषद की बैठक में इस मामले पर सदस्यों ने गंभीरता से चर्चा की थी. इन डाक बंगलों को अतिक्रमण मुक्त कराने और जब से कब्जा किये हैं, तब से लेकर अभी तक का किराया वसूलने का निर्णय लिया गया. अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी है कि वर्षों से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन पुलिस विभाग किराया देने के संबंध में कोई कदम नहीं उठा रही है. इसके बाद बांधडीह डाकबंगला का प्रतिमाह एक हजार रुपए किराया 192000 रुपए और बरमसिया डाकबंगला का प्रति कमरे का 100 रुपए प्रतिमाह का 36000 रुपए किराया तय किया गया. इस संबंध में एसपी को पत्र लिखा गया, लेकिन एसपी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.
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बरमसिया में डाक बंगलों पर है कब्जा
बरमसिया में जिला परिषद का दो डाकबंगला है. पुराना डाकबंगला में थाना प्रभारी दो कमरों पर कब्जा जमाये बैठे हैं, यहां जितने भी थाना प्रभारी आते हैं, वह इसी में रहते हैं, इसमें करीब 10 सालों से थाना प्रभारियों का कब्जा है. थाना प्रभारियों की देखा देखी नये डाकबंगला पर भी एक एएसआई और कई सिपाहियों ने तीन कमरों पर कब्जा कर लिया है. जिला परिषद को यहां से भी किराया नहीं मिलता है. पुराने डाकबंगला में थाना प्रभारी रहते हैं.
जरीडीह में डाक बंगला में है इंस्पेक्टर कार्यालय
बांधडीह डाकबंगला में 20 साल से जरीडीह थाना का कब्जा है. पहले इसी डाकबंगला में थाना चलता था, करीब 5 साल पहले थाना भवन बनने के बाद नये भवन में थाना तो शिफ्ट कर दिया गया था, लेकिन डाकबंगला को पुलिस वालों ने मालखाना बना दिया है इस संबंध में पुलिस विभाग को जिला परिषद द्वारा पिछले कई सालों से पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन पुलिस विभाग ने कुछ नहीं किया.
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कार्यपालक अभियंता ने सौपी जांच रिपोर्ट
पुलिस ने एक सप्ताह में खाली करने का वादा किया था. लेकिन जब खाली नहीं हुई तो जिला परिषद ने कार्यपालक अभियंता से जांच करवायी. जिसमें कब्जा यथावत मिला तथा रिपोर्ट विभाग को अभियंता ने विधिवत फोटोग्राफ के साथ सौपा.
फिर सक्रिय हुआ जिला परिषद
जिप एकबार फिर अपने भवन को लेकर सक्रिय भूमिका में दिख रहा है. जिप अध्यक्ष सुषमा देवी ने एसपी को रिमाइंडर देने की पेशकश की है. जबकि उपविकास आयुक्त ने भी एसपी से बात करने की बात कही है. अब देखना यह है कि क्या होता है.
जिप को हुआ हजारों का नुकसान
जिप के भवन में पुलिस के द्वारा कब्जे से हजारों का नुकसान हुआ है यदि इस बिल्डिंग को जिप किराये पर भी देता तो किराये मिलते जिससे जिप के फंड में राजस्व आता. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, जिससे राजस्व का नुकसान हो रहा है.
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