Bokaro: नावाडीह प्रखंड अंतर्गत पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के रैलीबेड़ा गांव में 30 अप्रैल को ग्रामसभा का आयोजन किया गया. सभा में झारखंड जंगल बचाओ के केंद्रीय प्रभारी राजेश कुमार महतो, थाना प्रभारी सुमन कुमार, जिला प्रभारी रोहित ठाकुर, बोकारो के सचिव मोतीलाल बेसरा सहित दर्जनों महिला व पुरूष मौजूद थे. सभा में वन अधिकार कानून को लागू करने व वन पट्टा की मांग को लेकर नारा बुलंद किया. केंद्रीय प्रभारी ने कहा कि ग्रामसभा के सहमति बिना वन विभाग क्षेत्र में कोई कार्य नहीं करे. वर्ष 2019 में उक्त क्षेत्र में बोर्ड गड़ी कर वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए वन पट्टा देने की मांग की गई थी. वन विभाग इस अधिसूचित क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं बेरमो रेंजर विनय कुमार का कहना है कि रैलीबेड़ा और बुटबरिया के ग्रामीणों ने वन विभाग से किये जा रहे कार्य को बंद करा दिया है. जंगल में सीमांकन के तहत बोर्ड गडी करना पूरी तरह से गलत है. अतिक्रमित जमीन सरकार के आदेश पर भूमिहीन को दिया जाता है. लेकिन ग्रामीणों ने जबरन काम बंद करा दिया है. बहरहाल झारखंड जंगल बचाओ वन विभाग के कार्य के विरोध में है. वहीं वन विभाग ग्रामीणों के इस कार्रवाई से सहमत नहीं है.
क्या है मामला
काच्छो और पेंक पंचायत के आदिवासियों ने वन कानून के संसोधन नियम 2012 के तहत अपने गांव के सीमा पर 17 जून 2019 को बोर्ड लगाकर वन क्षेत्र में किसी प्रकार के हस्तक्षेप का विरोध किया था. बुटबरिया व रैलीबेड़ा में अधिसूचना बोर्ड गडी कर किया गया है. इसके बाद वन विभाग ने ट्रेंच कटिंग का काम शुरू किया था जिसे ग्रामीणों ने बंद करा दिया है. इसी मामले को लेकर टकराव की स्थिति बनी है.
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