54 मजदूरों का एक माह का वेतन बकाया, कंपनी का टेंडर खत्म
Bokaro Tharmal : बोकारो थर्मल के नूरीनगर स्थित डीवीसी के ऐश पौंड़ में कार्यरत 54 मजदूरों ने एक माह का बकाया वेतन की मांग को लेकर 21 अगस्त को पौंड़ परिसर में प्रर्दशन कर काम ठप कर दिया. इस दौरान एक मजदूर मुणा बेसरा ने ऐश पौंड़ के केनाल में कूदकर आत्महत्या की कोशिश की. हालांकि बगल में खड़े मजदूरों ने उसे सकुशल बाहर निकाल लिया, जिससे उसकी जान बच गयी. मजदूरों ने बताया कि डीवीसी के ऐश पौंड़ में 54 मजदूर कार्यरत हैं. ऐश पौंड़ में काम करने वाले 54 मजदूरों का एक माह का वेतन भी नहीं दिया गया है. मालूम हो कि छाई ट्रांस्पोर्टिंग का कार्य कर रहीं आक्का, बीएलए और यूसीसी कंपनी का टेंडर खत्म हो गया और ये तीनों कंपनियां यहां से चली गई हैं. ऐसे में मजदूरों का भुगतान फंस गया है. इस मामले में डीवीसी प्रबंधन को कई बार सूचित किया गया लेकिन कोई पहल नहीं हुई. वर्तमान में बीकेबी और आरकेटी कंपनी छाई ट्रांस्पोर्टिंग का काम लगभग एक माह से कर रही है. मजदूरों ने कहा कि पैसा नहीं मिलने के कारण कई मजदूरों के समक्ष भुखमरी की नौबत आ गयी है.
वेतन मिलने तक बंद रहेगा काम
मजदूरों ने कहा कि जब तक 54 मजदूरों को एक माह का बकाया वेतन नहीं मिलेगा, तब तक ऐश पौंड़ का काम पूरी तरह से बंद रहेगा. इस आंदोलन में मुरारी महतो, प्रेमचंद महतो, भागीरथ तुरी, उमेश राम, छोटू राम, किशोर महतो, ताज मोहम्मद, जावेद अंसारी, शहादत हुसैन, हैयात अली, पुरन महतो, लक्खी राम, जैतुन खातून, एतवरिया देवी, मंजू देवी, दयालचंद महतो, कादिर हुसैन, निर्मल महतो, निर्मल राय, आशुतोष कुमार, भोला राम, कमल प्रसाद महतो, नरेश टुडू, संतोष मुंडा, मुन्ना बेसरा सहित कई मजदूर शामिल थे.
पोकलोन व हाइवा चालकों को भी नहीं मिला पेमेंट
ऐश पौंड़ से छाई लोडिंग में लगे पोकलेन व ट्रांस्पोर्टिंग में लगे हाइवा-डंपरों को भी दो माह का पैसा नहीं मिला है. तीन कंपनियों में आक्का ने अपना पेमेंट दिया है, लेकिन बीएलए और यूसीसी कंपनी काम खत्म होने के बाद पेमेंट नहीं दी है. इस कारण पोकलेन, हाइवा वे डंपरों के ऑपरेटरों को भी वेतन नहीं मिल पाया है.
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