दिनेश कुमार पांडेय
Bokaro : बोकारो जिले में 3 जगहों पर तकरीबन 9 करोड़ की लागत से बन कर तैयार एएनएम ट्रेनिंग सेंटर विभागीय लापरवाही के कारण शोभा की वस्तु बना हुआ है. निर्माण के बाद 2013 में ही भवन निर्माण विभाग ने तीनों बिल्डिंग स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर कर दिया था. लेकिन पिछले 9 साल से स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ने एनओसी देना ज़रूरी नहीं समझा. लिहाजा आज तक ट्रेनिंग सेंटर शुरु नहीं हो सका. जब यह सेंटर की इमारत बनी थी, उस वक्त भी राज्य में हेमंत सोरेन की ही सरकार थी. इस बीच सरकार बदलती रही लेकिन एनओसी की फ़ाइल पर मुख्यालय की मोहर नहीं लग सकी.
मालूम हो कि बोकारो के कैंप दो स्थित सदर अस्पताल परिसर के पीछे चार करोड़, जैनामोड़ में तीन करोड़, बेरमो अनुमंडल के फुसरो में दो करोड़ की लागत से एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण कराया गया था. जिसकी आधारशिला तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप शाही ने 2011 में रखी थी.
आंकड़ों पर एक नज़र
तीनों एएनएम ट्रेनिंग सेंटर का शिलान्यास साल 2011 में हुआ. अगले साल 2012 में बिल्डिंग बन कर तैयार हो गई. 2013 में भवन निर्माण विभाग ने बिल्डिंग को हैंडओवर कर दिया. 2018-19 से ही सत्र शुरु होना था. बोकारो की बिल्डिंग में 4 करोड़, जैनामोड में 3 करोड़ और फुसरो की बिल्डिंग निर्माण में 2 करोड़ खर्च किया गया है.
2018 से ज़ारी है पत्राचार
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर को कई बार बोकारो के कई पूर्व सिविल सर्जन पत्र लिख चुके है. सबसे पहले 5 जुलाई 2018 को स्वास्थ्य निदेशक ने सिविल सर्जन को पत्र भेजकर जानकारी मांगी थी. उन्हें पूरी जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने 25 मई 2019 को मैप भेजा. तबसे जिला स्वास्थ्य विभाग ने पांच बार पत्र जारी कर एनओसी मांगा, लेकिन मुख्यालय मुंह फेरे बैठा है.
2018-19 से शुरु होनी थी पढ़ाई
24 अगस्त 2017 को स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने भवन का भौतिक निरीक्षण किया था. जिसके बाद 2018-19 में पढ़ाई शुरू करने की बात तत्कालीन सरकार ने की थी. लेकिन यह मामला समय के साथ-साथ ठंडे बस्ते में चला गया. और आज तक नर्सिंग सेंटर में पढ़ाई शुरू नहीं हुई. आज तक कई ज़रूरी कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है.
छात्राओं के लिए हॉस्टल भी उपलब्ध
नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में नामांकित होने वाली छात्राओं के लिए हॉस्टल की सुविधा भी उपलब्ध है. बुनियादी सुविधाओं से लैस यह सेंटर बनकर पूरी तरह तैयार है. विभाग ने मुख्यालय के मांग पर पूरी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग रिपोर्ट मिलने के बाद से खामोश है. लिहाजा करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद भी बोकारो के छात्राओं को यह सुविधा मुहैया नहीं मिल पाई.
एनओसी मिलने के बाद शुरू होगी नियुक्ति
मुख्यालय से एनओसी मिलने के बाद ही शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी. नियुक्ति के बाद छात्राओं का नामांकन शुरू होगा. सत्र का भी निर्धारण एनओसी के बाद शुरू होने का प्रावधान है. लेकिन अब तक इसे लेकर कहीं कोई सुगबुगाहट ही नज़र नहीं आती.
कहते हैं सिविल सर्जन
बोकारो के सिविल सर्जन डॉ.अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि कई बार हमसे पूर्व भी पत्राचार किया गया है. एनओसी मिलते ही प्राचार्य, वार्डन, इंस्ट्रक्टर आदि कर्मियो की नियुक्ति कर पढ़ाई शुरू की जाएगी.
कहते है पूर्व सीएस
पूर्व सिविल सर्जन डॉ.अशोक कुमार पाठक ने कहा कि जिले में एक ही नर्सिंग कॉलेज खोले जाने की अनुमति संभवत मिलती है. बोकारो में सरकारी स्तर पर तीन स्कूल खोलने की योजना थी. इसलिए एनओसी मिलने में देरी हुई थी. उन्होंने कहा कि कई बार व्यक्तिगत तौर पर प्रयास किया, लेकिन हम सफल नहीं हुए.
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