New Delhi: महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है. गुरुवार को फ्लोर टेस्ट होगा. बता दें कि मंगलवार को पूर्व सीएम फडणवीस ने राज्यपाल से मिलकर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी. वहीं शिंदे ने 50 विधायकों के समर्थन का दावा किया था.
सियासी संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार शाम को 3 घंटे 10 मिनट तक चली सुनवाई चली. शाम 5 बजकर 18 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट तक सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. रात लगभग सवा 9 बजे सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दे दिया. बता दें कि महाराष्ट्र में 22 जून को सियासी संकट शुरू हुआ. उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट इसको लेकर लगातार अलग-अलग दावे कर रहे थे. मंगलवार को बीजेपी भी रेस हो गई. फडणवीस पहले गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मिले. इसके बाद राज्यपाल से मुलाकात कर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी. इस बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल ने 30 जून को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था. शिवसेना इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. लेकिन कोर्ट से भी शिवसेना को राहत नहीं मिली.
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उद्धव सरकार को बड़ा झटका
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है. सीएम ने कहा था कि कोर्ट के फैसले के बाद ही वे आगे की रणनीति बनाने वाले हैं. इस पूरे मामले में शिवसेना की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखा, तो वहीं शिंदे गुट की तरफ से कोर्ट में नीरज किशन कौल ने अपनी दलील रखी. सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें आज ही फ्लोर टेस्ट को लेकर जानकारी मिली है. जब तक विधायकों का सत्यापन नहीं हो जाता, फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता है.
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शिवसेना और शिंदे गुट ने फ्लोर टेस्ट को लेकर क्या कहा
इससे पहले सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट पर आपत्ति जताते हुए दलील दी कि 16 बागी विधायकों को 21 जून को ही अयोग्य घोषित किया जा चुका है. ऐसे में इनके वोट से बहुमत का फैसला नहीं किया जा सकता. सिंघवी ने मांग की है कि या तो बहुमत का फैसला स्पीकर को करने दें या फिर फ्लोर टेस्ट टाल दें. वहीं, शिंदे गुट के कौल ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार ही नहीं, उद्धव की पार्टी भी अल्पमत में आ चुकी है. ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए फ्लोर टेस्ट कराना ही सबसे बेहतर विकल्प है. इसे टाला नहीं जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे के साथ गए विधायकों ने शिवसेना नहीं छोड़ी है. बहुमत उनके साथ है, इसलिए वही असली शिवसेना हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद थोड़ी देर में उद्धव ठाकरे फेसबुक लाइव पर आएंगे.