New Delhi : पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा उन्हें दिये गये पद्म भूषण को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य बुद्धदेब भट्टाचार्य 2002 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने एक बयान में कहा, “मैं पद्म भूषण पुरस्कार के बारे में कुछ नहीं जानता, किसी ने मुझे इसके बारे में नहीं बताया. अगर मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया होता, तो मैं इसे अस्वीकार कर देता.”
If I am conferred with Padma Bhushan award, I am rejecting it: ex-Bengal CM Buddhadeb Bhattacharjee
— Press Trust of India (@PTI_News) January 25, 2022
यह मेरी जैसी अनुभवी शख्सियत का अपमान – संध्या मुखर्जी
पद्म श्री पाने वालों की सूची में बंगाल की मशहूर गायिका संध्या मुखर्जी का भी नाम शुमार था. लेकिन गायिका ने यह सम्मान लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने इसे अपना अपमान कहा है. गायिका के एक पारिवारिक दोस्त ने बताया कि जब केंद्र सरकार के अधिकारियों ने उन्हें मंगलवार की दोपहर इस बात की सूचना दी, तब उन्होंने अवार्ड लेने से इनकार कर दिया.
उन्होंने अधिकारी से कहा कि पद्म श्री उनके जैसी अनुभवी शख्सियत को दिया जाने वाला अवार्ड नहीं है. इस अवार्ड को लेना अपमान के बराबर होगा.’ 90 साल की गायिका संध्या मुखर्जी साउथ कोलकाता के लेक गार्डन इलाके में रहती हैं. संध्या मुखर्जी ने बंगाली फिल्मों में हजारों गाने गए हैं और उनकी पहचान आधुनिक और सेमी-क्लासिकल म्यूजिक एलबम को लेकर भी है. प्रसिद्ध गायक हेमंत मुखर्जी के साथ गाये उनके गाने काफी पॉपुलर रहे हैं.
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