Ranchi : जिला प्रशासन और नगर निगम ने गुरुवार को कांके के सरोवर नगर में अतिक्रमण हटाया. कोर्ट की फटकार के बाद प्रशसान ने कठहर गोंदा के 34 निर्माण को अवैध चिह्नित किया था. गुरुवार को हेहल अंचल अधिकारी (सीओ) ओम प्रकाश मंडल ने सरोवर नगर के 15 निर्माण पर बुलडोजर चलवाया. उन्होंने बताया कि 15 घरों को पहले ही नोटिस दे दिया गया था, बाकि 19 घरों को चिह्नित कर लिया गया है. 10 दिनों में उन घरों को भी प्रशासन तोड़ेगा. लोगों ने मौके पर अधिकारियों से उनके घरों को नहीं तोड़ने के लिए अपील भी की, जिसपर सीओ ने उन्हें हाईकोर्ट का निर्देश बताते हुए कहा कि इनमें वे कुछ नहीं कर सकते.
लोगों ने कहा- केवल कच्चे मकान निशाने पर, बड़े घर-बिल्डिंग पर नहीं हो रही कार्रवाई
लोगों ने विरोध करते हुआ पुलिस और प्रशासन की टीम को उनकी जमीन के कागजात दिखाए. उन्होंन कहा कि इन सभी घरों का होल्डिंग टैक्स, रसीद आदि काटे जा रहे हैं. अगर ये जमीन अतिक्रमण की गई है, तो सरकार को इसके लिए पहले ही रोक लगा देनी चाहिए थी. इसका टैक्स हमसे कैसे और क्यों लिया जा रहा है ? इसके लिए हमें नहीं रोका गया. दूसरी ओर अगर हटाया जा रहा है तो सिर्फ कच्चे मकानों को क्यों? हमारे घरों का तो नक्शा भी है, पर अगल-बगल बने बड़े घर-बिल्डिंग का नक्शा भी नहीं है, तो उन्हें सरकार क्यों नहीं हटा रही? इसपर सीओ ने कहा कि उन्हें दी गई लिस्ट में वे घर शामिल नहीं है. पर वे बिना नक्शे के बने है तो निगम उन्हें नोटिस देगा और कार्रवाई की जाएगी.
क्यों रुका अतिक्रमण अभियान
अपने घरों को टूटता देख लोगों के चेहरों पर बेबसी साफ झलक रही थी. इसी बीच स्थानीय निवासी पुष्पा देवी ने जब अपने घर को टूटता देखा तो उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई. यह देख वहां लोगों के विरोध ने जोर पकड़ लिया. पुष्पा देवी को हॉस्पिटल ले जाते हुए उन्होंने सीओ, पुलिस सहित अन्य अधिकारियों को बेघर करने की जगह उन्हें सीधे गोली मारने की बात कहने लगे. भीड़ को बेकाबू होता देख सीओ ने अतिक्रमण कार्य को रोकने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सरोवर नगर में चिह्नित 15 घरों को छू लिया गया है. आगे का काम अगले दो-तीन दिनों के बाद फिर शुरू किया जाएगा.
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2016 में भी इसी जगह से हटाया गया था अतिक्रमण
जानकारी के अनुसार इससे पहले वर्ष 2016 में भी यहां ने अतिक्रमण हटाया गया था. पूरे इलाके के घरों को तोड़ उसे अवैध घोषित किया गया था. निगम और प्रशासन की नजर हटते ही लोगों ने फिर वहां अपना बसेरा बना लिया. उनका कहना है कि पूरी पूंजी हमने जमीन खरीदने और घर बनाने में लगा दी. हम एक साथ रेंट देना और परिवार चलाने का काम नहीं कर सकते. ऐसे में हम कहा जाए? इसमें सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर एक बार इस जगह से अतिक्रमण हटा दिया गया था तो फिर लोग वहां कैसे बसे ? इस दौरान संबंधित अधिकारी क्या कर रहे थे ?
फिर अतिक्रमण न हो इसके लिए होगा इंतजाम – कार्यपालक अभियंता
मौके पर मौजूद गोंदा में पेयजल और स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने इसपर कहा कि 2016 और 2017 में भी इस जगह से अतिक्रमण हटाया गया था. इसपर लगातार निगरानी भी रखी जाती है, पर बोलने पर लोग भड़क जाते हैं. पिछले बार पिलरिंग भी की गई थी, पर इस बार इस जगह पर अतिक्रमण न हो इसके लिए हम पिलरिंग और फेंसिंग दोनों करेंगे.