LagatarDesk: केंद्र सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक को DBS में विलय की मंजूरी दे दी है, वहीं ATC Telecom Infra में 2480 करोड़ के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को भी मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फेंस में केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ATC का 12 फीसदी शेयर एटीसी पैसिफिक एशिया कंपनी ने ले लिया है. DBS बैंक की भारत भर में 33 शाखाएं हैं, वहीं लक्ष्मी विलास बैंक की देश में 563 शाखाएं हैं.
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दोषियों पर होगी कारवाई
जावड़ेकर ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक की ऐसी स्थिति करने वाले दोषियों पर सख्त कारवाई की जायेगी. साथ ही बैंक कर्मचारियों की छंटनी भी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गये हैं.
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NIIF को मिलेगा 6 हजार करोड़
कैबिनेट ने निर्णय लिया कि NIIF में अगले दो से तीन साल में 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर के डेवल्पमेंट के लिए बॉन्ड जारी कर 1 लाख करोड़ से अधिक की रकम जुटायी जायेगी. RBI ने 17 नवंबर को दक्षिण भारत केंद्रित लक्ष्मी विलास बैंक को एक महीने के मोरिटोरियम पर डाल दिया था. RBI ने आदेश दिया था कि बैंक के ग्राहक अगले एक माह तक 25 हजार रुपये से अधिक की रकम नहीं निकाल सकते हैं.
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तीन साल से लक्ष्मी विलास बैंक की हालत थी खराब
लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति पिछले तीन साल से खराब थी. जून 2020 में बैंक का capital adequacy ratio 0.17 फीसदी तक पहुंच गया था, जबकि इसे कम से कम 9 फीसदी तक होना चाहिए था. वित्त वर्ष 2020 में बैंक का 13827 करोड़ रुपये लोन बकाया था. जबकि बैंकों के पास केवल 21443 करोड़ रुपये था. RBI के इस फैसले का असर बैंक के शेयरों पर दिख रहा है. फिलहाल लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है.
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