NewDelhi /Washington : ब्रिटेन की तेल कंपनी केयर्न एनर्जी ने अमेरिका की संघीय अदालत में मुकदमा दायर कर एयर इंडिया को यह निर्देश देने की अपील की है कि वह भारत सरकार के खिलाफ जीते गये पंचाट मामले में 1.26 अरब डॉलर की रकम का भुगतान करे. खबर है कि केयर्न एनर्जी भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर वसूलने के लिए एयर इंडिया के विमान पर कब्जा करने की रणनीति बना रही है. इस संबंध में भारत सरकार का मानना है कि केयर्न एनर्जी दबाव की रणनीति अपना रही है. बता दें कि रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में भारत सरकार ने केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर का भुगतान नहीं किया है.
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केयर्न ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की अदालत में मुकदमा दायर किया
केयर्न ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट की अदालत में Air India की संपत्ति को जब्त करने के लिए मुकदमा दायर किया है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स मामले में इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने दिसंबर 2020 में ब्रिटेन की तेल कंपनी केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाया था. मध्यस्थता अदालत ने इस मामले में भारत सरकार को केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर चुकाने की आदेश दिया था
टैक्स विवाद के इस मामले में मध्यस्थता अदालत ने भारत सरकार को 1.2 बिलियन डॉलर के अलावा इंटरेस्ट और पेनाल्टी की रकम चुकाने का आदेश दिया था, जिससे यह रकम बढ़कर 1.4 बिलियन डॉलर से अधिक हो गयी. बता दे कि टैक्स विवाद में भारत सरकार ने वर्ष 2006-07 में केयर्न इंडिया की 10% हिस्सेदारी जब्त कर ली थी.
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एयर इंडिया पर भारत सरकार का नियंत्रण है
जानकारी के अनुसार एयर इंडिया के पास ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी द्वारा दायर मामले को चुनौती देने के लिए जुलाई मध्य तक का समय है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. खबर है कि केयर्न एनर्जी ने न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले की अमेरिकी जिला अदालत में दायर मामले में कहा है कि एयर इंडिया पर भारत सरकार का नियंत्रण है. ऐसे में अदालत को पंचाट के फैसले को पूरा करने का दायित्व एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया पर डालना चाहिए.
भारत सरकार ने कहा है कि वह Cairn energy के किसी भी कदम का विरोध करेगी
जान लें कि तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय पंचाट न्यायाधिकरण ने दिसंबर में एकमत से केयर्न (Cairn Energy) पर पिछली तारीख से लगाये गये टैक्स को खारिज कर दिया था. भारत सरकार ने चार साल के दौरान पंचाट प्रक्रिया में हिस्सा लिया, लेकिन उसने इस फैसले को मानने से इनकार करते हुए नीदरलैंड की अदालत में इसे खारिज करने की याचिका दायर की है. Cairn energy ने कहा है कि वह इस फैसले के तहत एयर इंडिया से वसूली करेगी. इस क्रम में भारत सरकार ने कहा है कि वह Cairn energy के इस तरह के किसी भी कदम का विरोध करेगी.
अमेरिकी अदालत ने भारत सरकार को कंपनी के बेचे गये शेयर, कर रिफंड वापस करने को कहा था
जानकारी के अनुसार अमेरिकी अदालत ने भारत सरकार को कंपनी के बेचे गये शेयर, जब्त लाभांश और कर रिफंड को वापस करने को कहा था. इस न्यायाधिकरण में भारत की ओर से नियुक्त जज भी शामिल थे. DIPAM के एक अधिकारी ने कहा कि Cairn Energy Controversy का एयर इंडिया के निजीकरण पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है. भारत सरकार का मानना है कि केयर्न दबाव की रणनीति अपना रही है. कंपनी चाहती है कि सरकार आर्बिट्रेशन पैनल के खिलाफ दायर याचिका वापस ले.