LagatarDesk: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और कस्टम बोर्ड ( Central Board Of Indirect Tax & Custom ) ने GST प्रावधान में Section 86B को जोड़ा है. व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया (CAIT) ने सरकार से GST के नये नियम Section 86B को वित्त मंत्री को पत्र लिखकर लागू न करने की मांग की है. इस नियम के अनुसार जिन कारोबारियों की हर महीने का टर्नओवर 50 लाख से अधिक है, उनको GST देनदारी का 1 फीसदी नकद जमा करने का प्रावधान किया गया है. कैट ने कहा कि इस नये नियम से उत्पादकता बुरी तरह प्रभावित होगी. इसके साथ ही ये टैक्स सिस्टम बहुत ही पेचीदा है.
इसे भी पढ़े:Lagatar live में जानें झारखंड में पंचायत चुनाव पर क्या सोचते हैं पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण
इन कारोबारियों पर लागू होगा ये नियम
Central Board Of Indirect Tax & Custom ने GST प्रावधान में Section 86B को जोड़ा है. इस नियम में Liability को डिस्चार्ज करते समय 99 फीसदी से अधिक इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं किया जा सकता है. ये प्रावधान उनपर लागू नहीं होगा, जिन Managing Director या किसी पार्टनर ने 1 लाख से अधिक का इनकम टैक्स का पेमेंट किया हो या फिर पिछले वित्त वर्ष में Un-utilized इनपुट टैक्स क्रेडिट के बदले 1 लाख से अधिक का रिफंड प्राप्त किया हो.
इसे भी पढ़े:BCCL : धनबाद के सिजुआ, लोदना और बरोरा रेल साइडिंग से होती है कोयला चोरी (2)
ऑडिट रिटर्न की डेडलाइन बढ़ाने की मांग
कैट ने इस मुद्दे को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है. कैट ने पत्र में Section 86B की तरफ वित्त मंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए इस नियम को स्थगित करने की मांग की है. इस नये नियम को अगले साल 1 जनवरी 2021 से लागू किया जाना है. इसके अलावा कैट ने वित्त मंत्री से GST फाइल करने और इनकम टैक्स ऑडिट रिटर्न की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च 2021 करने की मांग की है.
इसे भी पढ़े:रांची : लालू से मिलने पहुंचे तेजप्रताप यादव, पेइंग वार्ड में पिता-पुत्र की होगी मुलाकात
कोरोना महामारी ने कारोबारियों को किया प्रभावित
कैट के आम सचिव प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण घरेलू कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कारोबारी अपने धंधे को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में इस नियम को लागू करने के फैसले को स्थगित करना चाहिए. खंडेलवाल के मुताबिक जीएसटी बहुत पेचीदा टैक्स सिस्टम हो गया है और इसे सरल करने की जरूरत है.
इसे भी पढ़े:बोकारो : डेढ़ करोड़ की लागत से बने जिला परिषद भवन की दीवारों में दरार