Ranchi: आम्रपाली कोल परियोजना के स्टॉक से 8.75 लाख मीट्रिक टन कोयला गायब होने के मामले में CBI ने गुरुवार को देश भर के दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई ने जिन ठिकानों पर छापेमारी की है, उसमें आम्रपाली के परियोजना पदाधिकारी दिलीप कुमार शर्मा के चतरा स्थित आवास और ऑफिस, प्रबंधक शंभू कुमार झा के चतरा स्थित आवास और ऑफिस, सीनियर मैनेजर सर्वेयर उमेश कुमार सिंह के चतरा स्थित आवास और ऑफिस, सीनियर अधिकारी सर्वेयर पंकज कुमार झा के चतरा स्थित आवास और ऑफिस, मुख्य प्रबंधक खनन निहार रंजन साव के चतरा स्थित आवास और ऑफिस, खनन कंपनी मेसर्स AMPL – MIPL- GCL (JB) के निदेशक विनेश शिवजी ढोलू के गुजरात के गांधीनगर स्थित आवास, निदेशक दीपेंद्र नाथ मुखर्जी के कोलकाता स्थित आवास, गुमला के भरनो और रांची के एनके एरिया तथा खलारी में कंपनी से जुड़े पदाधिकारियों के ठिकानों पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है.
सीबीआई ने दर्ज किया मामला
चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र स्थित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना से भारी मात्रा में कोयला स्टॉक से गायब होने का मामला सामने आया है. सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना के कोयला स्टॉक से 8.75 लाख मीट्रिक टन कोयला गायब हो गया है. इसे लेकर सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बीते 17 अगस्त को मामला दर्ज किया था और इसकी जांच में जुट गयी थी. सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना से भारी मात्रा में कोयला गायब होने से सीसीएल को 83 करोड़, 63 लाख, 64 हजार, 471 रुपये का घाटा हुआ है. इस मामले में सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए आम्रपाली परियोजना के प्रोजेक्ट अधिकारी, मैनेजर, सीनियर मैनेजर समेत सात नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं.
मेजरमेंट बुक में छेड़छाड़ कर कोयला गायब कराया गया
सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में बताया गया है कि लगातार यह सूचना मिल रही थी कि लंबे समय से सभी आरोपित एक आपराधिक साजिश के तहत मेजरमेंट बुक में छेड़छाड़ कर कोयला गायब करवा रहे हैं. जिसके बाद सीसीएल के वरीय अधिकारियों के साथ जांच के लिए एक टीम बनी और इसकी छानबीन शुरू की गयी.
छानबीन में कोयला स्टॉक से आठ लाख 75 हजार 774 मिट्रिक टन कोयला गायब मिला. छानबीन में इस बात का भी खुलासा कोलकाता की कंपनी AMPL – MIPL- GCL (JB) को आम्रपाली परियोजना में कोयला निकालने से लेकर डंपिंग तक की जिम्मेदारी दी गयी थी. सबने मिलकर यह काम को अंजाम दिया. इस मामले में अनुसंधान की जिम्मेदारी सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची के इंस्पेक्टर रवि शंकर प्रसाद को सौंपी गयी है.
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