Ranchi : केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को निर्भया फंड से स्टार्टअप योजना के लिए राशि दी जाती है. यह राशि महिला उद्यमियों के लिए है. साल 2015 में स्टार्टअप पॉलिसी लागू होने के बाद झारखंड को भी इस फंड से राशि मिली. केंद्र सरकार ने राशि 2016 से जारी करना शुरू किया. साल 2016 से 2020 तक झारखंड राज्य के लिए कुल 58.02 करोड़ राशि जारी की. राज्य ने अबतक 29.09 करोड़ राशि का उपयोग किया. पिछले दिनों राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने संसद से ये जानकारी मांगी, जिसमें महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्रालय ने आंकड़े पेश किये. हालांकि राज्य में शुरू से स्टार्टअप पॉलिसी की गति धीमी रही. अभी तक यहां मात्र 416 उद्यमी ही रजिस्टर्ड किये गये हैं. साल 2019 के बाद से राज्य में स्टार्टअप के लिए मेंटॉर भी नहीं हैं.
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फंड में हैं 28.93 करोड़ रुपये
राज्य में निर्भया फंड के तहत स्टार्टअप के लिए जारी फंड से अभी भी 28.93 करोड़ रुपये फंड में है. पिछले तीन साल से स्टार्टअप योजना की मंद गति के कारण इस फंड का उपयोग भी नहीं हो पा रहा. इस फंड का उपयोग महिला उद्यमियों के आइडिया इनोवेशन, फंडिंग से लेकर स्टार्टअप के लिए महिला कॉलेजों में इंक्यूबेशन सेंटर बनाने के साथ प्रचार के लिए उपयोग किया जाना है. साल 2016 में राज्य को 5.7 करोड़, 2017 में 11.38 करोड़, 2018 में 7.07 करोड़, 2019 में 15.12 और 2020 में 19.30 करोड़ राशि जारी की गयी. 2021 की राशि अभी जारी नहीं की गयी है.
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416 उद्यमी हैं रजिस्टर्ड
राज्य में 416 उद्यमी रजिस्टर्ड हैं. साल 2019 में 17 उद्यमियों को सरकार ने फंड जारी की गयी थी. इसमें महिलाओं की संख्या मात्र एक रहीं. वहीं रजिस्टर्ड उद्यमियेां में भी महिलाओं की संख्या काफी कम है. फिलहाल राज्य में स्टार्टअप के तहत कोई मेंटॉर नहीं है. साल 2017 में आईआईएम अहमदाबाद को काम दिया गया. साल 2019 में संस्थान का मेंटॉरशिप करार खत्म हुआ. पिछले साल से राज्य सरकार इसके लिए संस्थानों से बात कर रही है.
बिहार ने किया 34.22 करोड़ उपयोग
साल 2016 से देखें तो बिहार को 79.04 करोड़ रुपये राशि दी गयी. बिहार में 34.22 करोड़ उपयोग किया गया. वहीं, 44.82 करोड़ फंड शेष है. ओडिशा में 73.74 करोड़ राशि में से 46.90 करोड़ का उपयोग किया. जबकि फंड में 26.84 करोड़ बाकी है.