Ranchi: रिम्स को किसी की नजर लग गई है. हाईकोर्ट, सरकार, उच्च अधिकारियों और आम नागरिकों की खूब फटकार के बाद भी व्यवस्था ठीक नही हो पा रही. रिम्स की व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. रिएजेंट खत्म होने के कारण ट्रॉमा सेंटर में स्थापित सेंट्रल लैब पूर्ण रूप से बंद हो गया. सोमवार व मंगलवार को लैब में गिने चुने टेस्ट हुए. जबकि बुधवार से जांच पूरी तरह प्रभावित हो गई. रिम्स में दो साल के प्रयास के बाद 2021 में इस सेंट्रल लैब की शुरूआत की गई थी. प्रबंधन का दावा था कि यह लैब 24 घंटे सातों दिन संचालित रहेगी. लैब में जिस तरह की एडवांस मशीनें लगाई गई थी, यहां 24 घंटे में 10 हजार जांच करने की क्षमता थी. लेकिन उद्घाटन के बाद ही एक भी दिन 1000 जांच से ज्यादा नही हो सकी. इसके बाद भी प्रबंधन का दावा फेल हो गया और एक बार फिर रिएजेंट खत्म होने के कारण जांच बाधित हो गई.
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बताते चले कि इस लैब में प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों की जांच होती थी. जबकि रिम्स के अन्य लैबों में भी प्रतिदिन लगभग इतनी ही सैंपल की जांच होती है. ट्रॉमा सेंटर के सेंट्रल लैब के अलावा पैथोलॉजी लैब, बायोकेमेस्ट्री लैब और मेडिसिन लैब में जांच की व्यवस्था है. लेकिन इन लैब में भी गिनी-चुनी जांच ही हो पा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को शाम पांच बजे के बाद हो रही है, क्योंकि उसके बाद रिम्स का एक मात्र सेंट्रल लैब खुला रहता था, जो दो दिन से पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है.
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