Saurav Singh
Ranchi : झारखंड में नक्सलियों से लड़ने के लिए तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने बिना लड़ाई के अपने 14 जवानों को खो दिया. जिनमें कई अधिकारी भी शामिल हैं. पिछले दो साल के दौरान 14 जवानों को खो दिए हैं. मतलब, जिस वक्त जवानों की जान गई, वे किसी लड़ाई के मोर्चे या ऑपरेशन पर नहीं थे. उन्होंने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी या फिर एक जवान से दूसरे जवान की गोली मारकर हत्या कर दी. हर जवान की मौत के बाद हर बार यही बयान आया कि आत्महत्या के पीछे कोई पारिवारिक कारण रहा और आपसी विवाद में साथी जवान को गोली मारकर हत्या कर दी.
अर्द्धसैनिक बलों के जवान बन रहे हैं एक दूसरे के दुश्मन
जवान तनावग्रस्त होकर अपने ही साथी जवानों की हत्या कर रहे हैं. बीते आठ जून को राज्य के चतरा जिले में आइसोलेशन कैंप में तैनात सीआरपीएफ के एक जवान ने आपसी झगड़े के बाद साथी जवान की गोली मारकर हत्या कर दी, फिर खुद को भी गोली मार ली. गौर करें तो पिछले दो साल के दौरान इस तरह की कई घटनाएं घटी हैं. इससे पहले 10 दिसंबर 2019 को बोकारो जिले के गोमिया में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने ही दो साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
अर्धसैनिक बलों ने बिना लड़ाई के खो दिए 14 जवान
8 जून 2021: चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के बेलगडा कोरोना आइसोलेशन सेंटर में मंगलवार को सीआरपीएफ 190वीं बटालियन के एक जवान ने पहले साथी को और फिर खुद को गोली मार ली. इस घटना में दोनों की मौत हो गई थी.
29 मई 2021: जमशेदपुर के मुसाबनी में सीआरपीएफ 193 बटालियन के जवान संजय कुमार ने सीआरपीएफ 193 बटालियन ट्रेनिग सेंटर मोहनडेरा बैरक में पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
26 फरवरी 2021: गुमला जिले के बनारी पिकेट में ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ जवान ने गोली मारकर की आत्महत्या. जवान का नाम सोमपाल सिंह था. वो यूपी मेरठ का रहने वाला था. 158 बी कंपनी में उसकी तैनाती थी.
31 मई 2021: हजारीबाग में सीआरपीएफ की इकाई कोबरा 203 मुख्यालय में सिपाही के पद पर कार्यरत संदीप नायक फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
26 दिसंबर 2020: लातेहार जिले के मनिका प्रखंड मुख्यालय में स्थित सीआरपीएफ 133 बटालियन के ए-कैंप में पदस्थापित सीआरपीएफ के जवान प्रवीण मोचरी ने अपने हथियार से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. मृतक जवान असम के बक्सा जिले का रहने वाला था.
17 दिसंबर 2020: लातेहार जिले के सदर थाना क्षेत्र के औरैया गांव में स्थित सीआरपीएफ कैंप में पदस्थापित जवान अभिषेक कुमार न खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. अभिषेक बिहार के नवादा जिले का रहने वाला था. वह सीआरपीएफ 214 बटालियन का जवान था.
30 नवंबर 2020: चाईबासा जिले के सारंडा स्थित करमपदा सीआरपीएफ कैंप में तैनात एक जवान उम्मीद सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर थी. मृतक जवान पिछले कई दिनों से परिवारिक उलझनों से काफी परेशान था. इसी दौरान उसने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली.
6 फरवरी 2019: लातेहार में सीआरपीएफ जवान ने खुद को गोली मार ली. इसके बाद हेरहंज पिकेट में अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में घायल जवान को पास के अस्पताल में ले जाया गया है, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
25 अक्टूबर 2019: सरायकेला दुगूनी स्थित सीआरपीएफ-196 बटालियन के कैंप के पास पेड़ से लटककर एक जवान ने खुदकुशी कर ली थी. मृतक जवान की पहचान शैफुद्दीन अहमद के रूप में हुई थी.
9 दिसंबर 2019: रांची के खेलगांव में परिसर में ठहरे छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स का एक कांस्टेबल ने अपने ही कंपनी कमांडर को AK 47 से भून डाला. इसके बाद खुद गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
10 दिसंबर 2019: बोकारो जिले के गोमिया में एक सीआरपीएफ जवान ने अपने ही साथियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. इस घटना में 226वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट साहुल हसन व एएसआई पी भुइयां की मौत हो गयी, जबकि तीन जवान हरिश्चंद्र गोकाई, दीपेन्द्र यादव व एक अन्य घायल हो गए थे.
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