New delhi : सुप्रीम कोर्ट ने उस भूखंड के भूमि उपयोग में बदलाव को चुनौती देने वाली एक याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया, जहां लुटियंस दिल्ली में महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के हिस्से के रूप में उपराष्ट्रपति का नया आधिकारिक आवास बनेगा. कोर्ट ने याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि वहां कोई प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं बनायी जा रही है. सरकारी काम के लिये ही उस जमीन का इस्तेमाल हमेशा से ही किया जाता रहा है.
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पर्याप्त स्पष्टीकरण दिये गये हैं
राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी तक फैली परियोजना के तहत 2024 तक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण किया जाना है. मालूम हो कि याचिका में कहा गया था कि वहां उपराष्ट्रपति का आवास बनाया जायेगा जिससे चिल्ड्रेन पार्क की हरियाली खत्म हो जायेगी. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा पर्याप्त स्पष्टीकरण दिये गये हैं जो भूखंड के भूमि उपयोग में परिवर्तन को सही ठहराते हैं. पीठ ने कहा, “हमें इस मामले की और जांच करने का कोई कारण नहीं मिला और इसलिए इस याचिका को खारिज करके पूरे विवाद को खत्म कर रहे हैं.