Chaibasa (Sukesh Kumar) : कोल्हान विश्वविद्यालय के बंगला भाषा साहित्य विभाग में मंगलवार को कविगुरु रवीन्द्रनाथ ठाकुर की 162वीं जयंती मनाई गई. इसमें स्नातकोत्तर विभाग के छात्र-छात्राओं ने उत्साह के साथ भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाया. मुख्य वक्ता के रूप में स्नातकोत्तर विभाग के प्रधान डॉ तपन कुमार खांड़ा ने कविगुरु के जीवन और रचनाओं के संबंध में प्रकाश डाला. मानव प्रेम, प्रकृति प्रेम और अंत में ईश्वर प्रेम में कैसे कवि की कविता लीन हो गयी इसका उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कई रचनाओं का उल्लेख किया. आयोजन का प्रारंभ रवीन्द्र संगीत से हुआ है. ‘नूतन देखा दिक आरबार जन्मेर प्रथम शुभक्षण’ ने सभागृह को एक नया एहसास दिलाया. छात्र-छात्राओं के द्वारा कई कविताओं को पाठ किया गया, जो काफी प्रशंसनीय रहा.
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रवीन्द्र संगीत से किया मंत्रमुग्ध
मौके पर घाटशिला महाविद्यालय के बांग्ला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप चंद्रा उपस्थित हुए और रवीन्द्रनाथ ठाकुर के दार्शनिक चिंता चेतना के ऊपर प्रकाश डाला. इसके साथ ही बांग्ला विभाग के गीता मिश्र ने रवीन्द्र संगीत गााकर शोभा वर्धन किया. देवाशु चटार्जी ’एकला चलो रे’ रवीन्द्र संगीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. अंशकालिन प्राध्यापक डॉ तिलक मंडल और फणी भूषण महतो का योगदान सराहनीय रहा. अंत में इस आयोजन का धन्यवाद ज्ञापन फणी भूषण महतो ने किया.
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