Chaibasa (Sukesh Kumar) : झींकपानी के जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा पर झींकपानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के प्रभारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए झींकपानी थाना में मामला दर्ज कराया है. जिसके बाद जिप सदस्य ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एक पत्र लिखकर स्थानीय जनप्रतिनिधि का सम्मान नहीं करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि चिकित्सा प्रभारी द्वारा उनपर झुठा आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराया गया है. राज्यपाल से इस मामले पर उचित कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा कि मैं वर्तमान में जिला परिषद सदस्य हूं. किसान आदिवासी परिवार से आता हूं. 15 सितंबर को झींकपानी प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया गया था. इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गयी थी. करीब 11.18 बजे वार्ड सदस्य सह पूर्व पंचायत समिति सदस्य रघुनाथ गोप ने फोन कर बताया कि झींकपानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेला का आयोजन हुआ है. लेकिन चाड़ाबासा गांव निवासी सिदिऊ बारी का पुत्र दुर्घटना में घायल हुआ है जिसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है, पर वहां उसका कोई इलाज नहीं कर रहा है. इसके अलावा अस्पताल में एडमिट मरीजों को भी कोई नहीं पूछ रहा है.
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जिप सदस्य ने लगाया मोबाइल छीनने का आरोप
यह बात सुनकर वे चाईबासा से झींकपानी पहुंचे और मेले में मौजूद केंद्र के प्रभारी से नहीं बुलाने का कारण पूछा और घायल व मरीजों का इलाज नहीं होने की जानकारी दी. इससे नाराज चिकित्सा प्रभारी जोर-जोर से बोलने लगे और उनपर झुठा आरोप लगाकर केस दर्ज करा दिया. उन्होंने पत्र में कहा है कि वे जनता द्वारा चुनकर आए है और जनता की परिशानियों को देखकर बोलने का अधिकार उन्हें होना चाहिए. जबकि स्वास्थ्य केंद्र के लिए उनके पूर्वजों ने ही जमीन दान पर दिया था. सरकारी अस्पतालों में सरकार करोड़ों खर्च कर रही है. लेकिन डॉक्टर मरीजों को बाहर से दवा खरीदने के लिए बोलते है और अस्पताल में डॉक्टर नियमित रूप से बैठते भी नहीं है. ऐसे में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते समस्याओं को उठाना मेरी जिम्मेदारी बनती है. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के दिन चिकित्सा प्रभारी ने महिला कर्मियों को आगे लाकर उनसे हाथापाई की और मोबाइल छीनने की कोशिश की थी. इधर, राज्यपाल के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरने को भी जिला परिषद सदस्य ने पत्र लिखकर जांच की मांग की है.