Chaibasa (Ramendra kumar sinha) : केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज के उत्पादन पर जोर दिए जाने के बाद पश्चिम सिंहभूम जिले के सदर प्रखंड में प्रायोगिक तौर पर मोटे अनाजों की खेती पर जोर दिया जा रहा है. अपनी पौष्टिकता से भरपूर और विपरीत परिस्थितियों में भी अच्छा उत्पादन देने में सफल मोटे अनाज अब सदर प्रखंड के खेतों में लहलहाते हुए देखने को मिलेंगे. मोटे अनाज विशेष कर मड़ुवा, रागी, ज्वार, बाजरा की खेती की प्रमुखता दी जा रही है. इस बावत सदर प्रखंड के 625 एकड़ भूमि को इस कार्य के लिए चिन्हित किया गया है. पारंपरिक अनाजों की तुलना में मोटे अनाज पौष्टिकता से भरपूर होते हैं. विपरीत परिस्थितियों में उत्पादन देने के कारण इसकी खेती पर जोर दिया जा रहा है.
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इसके लिए आत्मा द्वारा बाकायदा चिन्हित किए गए कृषकों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उनके बीच बीज का भी वितरण किया गया था, जिसका नर्सरी तैयार कर प्रखंडों के तकनीकी पदाधिकारी की देखरेख में इसका रोपण किया जा रहा है. आत्मा के वरिष्ठ तकनीकी प्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि पश्चिम सिंहभूम जिले के दो-तीन भूमि वाले जमीन के लिए मोटे अनाजों की खेती काफी उपयुक्त है, क्योंकि दो-तीन की भूमि के ढलान होने के कारण पानी का ठहराव कम होता है. इस कारण धान की भी कम ही खेती होती है, इसलिए यह भूमि मोटे अनाज के उत्पादन के लिए अच्छा साबित हो सकती है और विभाग द्वारा ऐसी भूमि वाले कृषकों को चिन्हित कर उनके माध्यम से मोटे अनाजों की खेती कराई जा रही है.