Chaibasa: राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकार पश्चिमी सिंहभूम द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ आभासी (वर्चुअल) बैठक तथा कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए. बैठक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय चाईबासा सदर, चक्रधरपुर, तांतनगर, झींकपानी और जगन्नाथपुर की शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया.
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प्राधिकार की सचिव श्रीमती कुजूर ने वेबिनार में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रकाश डाला. उन्होंने समाज में महिला और पुरुष दोनों को बराबरी के अधिकार की जानकारी देते हुए कहा कि लिंग के आधार पर भेदभाव स्वीकार योग्य नहीं है और हमारा कानून भी इसकी इजाजत नहीं देता. उन्होंने कहा कि आज बालिकाएं समाज में सभी कार्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर अपनी क्षमता को साबित कर रही हैं. हमें बालिकाओं को उचित पोषण, ज्ञान और ध्यान देने की जरूरत है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके.
बाल विवाह के मामलों पर चिंता जाहिर की
इस मौके पर शिक्षकों ने भी कई सवाल पूछे और बाल विवाह के मामलों पर चिंता जाहिर की. इस अवसर पर अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद दास ने की लोगों को संबोधित किया और अपनी बात रखी. एक अन्य कार्यक्रम में प्राधिकार से जुड़ीं वरिष्ठ अधिवक्ता नंदा सिन्हा ने रेडियो टॉक में वार्ता के दौरान राष्ट्रीय बालिका दिवस के बारे में जानकारी दी और तथा बालिकाओं के भी समान अधिकार की वकालत की.
सचिव ने छाया बालिका गृह का भी भ्रमण किया
प्राधिकार की सचिव श्रीमती कुजूर ने स्थानीय छाया बालिका गृह का भी भ्रमण किया और बालिकाओं को मिठाई आदि दिया, बालिकाओं को संबोधित करते हुए उन्हें बालिका होने पर गर्व महसूस कराया. उन्होंने बालिकाओं को करियर के बारे में जानकारी दी तथा उनसे कई सवाल पूछे. बालिकाओं ने भी प्रसन्नतापूर्वक सभी सवालों के जवाब दिए और अपनी चित्रांकन और कविताओं का प्रदर्शन भी किया. इस अवसर पीएलवी विकास दोदराजका तथा प्राधिकार की अंजली गोप भी उपस्थित थीं.
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