Chaibasa (Sukesh Kumar) : झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने बुधवार को झारखण्ड सरकार के मंत्री कृषि विभाग बादल पत्रलेख से मुलाकात कर एक मांग पत्र सौंपा. इसके माध्यम से प सिंहभूम अंतर्गत लैम्पस के किसानों से धान क्रय की राशि एवं बकाया बोनस राशि भुगतान किए जाने तथा भुगतान में बढ़ती अनियमितता की जांच करवाने का मांग की गई है.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर भाजपा नेताओं ने पैदल मार्च निकालकर मनाया जश्न
क्या कहा गया है पत्र में
पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा है कि प सिंहभूम जिला अंतर्गत लैम्पस में वित्तीय वर्ष 2021-22 में लैम्पस के माध्यम से 3541 निबंधित किसानों के विरूद्ध 4379 किसानों से कुल 1946865 क्विंटल धान क्रय की गई है. जिसमें से क्रय की गई धान का 50 प्रतिशत धान 97343.29 क्विंटल के समतुल्य राशि 188845994.24 रू० प्रथम किस्त के रूप में भुगतान किया गया है. दूसरी किस्त के रूप में 3208 किसानों को कुल शेष बचे 14253030 क्विंटल धान का 50 प्रतिशत 71265.15 क्विंटल धान का समतुल्य राशि 138254392.94 रू राशि का भुगतान किसानों को किया गया है.
इसे भी पढ़ें : नोवामुंडी : सुरक्षित रहने व आयु बढ़ाने हेतु पौधरोपण करना जरूरी : सोनाराम सिंकू
किसानों को उनसे क्रय फसल के मुताबिक नहीं हुआ भुगतान
कुल 327100387.18 रू राशि का भुगतान किया गया है तथा मीलरों द्वारा धान के बोनस के रूप में राशि 1567833322 रू० का भुगतान किया गया है उपरोक्त आंकड़ों को देखने से लगता है कि धान मीलरों द्वारा क्रय धान की मात्रा में उठाव किया गया है जो काफी विरोधाभास है. दूसरी बात यह है कि प्रथम किस्त में किसानों की संख्या 4379 थी और दूसरी किस्त में किसानों की संख्या 3268 है. किसानों के संख्याओं में ऐसे अंतर से पता चलाता है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला लैम्पस के हजारों किसानों को शत प्रतिशत भुगतान उनसे क्रय फसल के मुताबिक नहीं हो पाई है तथा प्रथम किस्त के क्रय धान की बोनस राशि भी अब तक भुगतान नहीं किया गया है.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : महागठबंधन वाली सरकार से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं पिछड़ा वर्ग : रामहरि गोप
राशि का भुगतान नहीं होने से कर्ज लेने को मजबूर हुए किसान
विदित हो कि किसान को धान क्रय पर प्राप्त होने वाली राशि से किसान अगले चार की खेती की योजना बनाते है. लैम्पस के माध्यम से धान क्रय राशि का भुगतान किसानों को नहीं किए जाने से किसान कर्ज लेने को मजबूर हो रहे है जिससे किसानों का खेती भी प्रभावित हो रहा है जो किसानों के हित में नहीं है. श्री कोड़ा ने मांग किया है कि मामलें को संज्ञान में लेते हुए शीघ्र किसानों से धान क्रय की राशि एवं बकाया बोनस राशि का भुगतान किया जाए व अनियमितता की जांच की जाए.
Leave a Reply