Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम रोड स्थित श्री राणी सती दादी मंदिर में भाद्रपद अमावस्या महोत्सव श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर मंदिर को फूलों से आकर्षक रूप से सजाया गया था. श्री राणी सती मंडल, चांडिल की ओर से आयोजित दो दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिन दादी का भव्य शृंगार किया गया. भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर का पट देर रात तक खुला रखा गया. इस दौरान मंदिर में रात्रि जागरण का आयोजन किया गया. मौके पर स्थानीय कलाकारों ने दादी के एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत किये. एक वो जमाना था कि ठौर न ठिकाना था, देखते ही खुद को आंखें फेरता जमाना था, लेकिन किस्मत बुलंद रातों रात हो गई, करामात हो गई, सारे कहते हैं जबसे मैया से तेरी मेरी मुलाकात हो गई. ऐसे कई भजनों ने श्रद्धालुओं को देर रात तक बांधे रखा. इसके पूर्व सोमवार की शाम साढ़े सात बजे ज्योत जगाई गई.
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मंगल पाठ में उमड़ी महिलाएं
महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को सुबह मंदिर के गर्भ गृह को फूल मालाओं से सजाया गया. इसके बाद सुबह 7:30 बजे महाआरती की गई. दादी के भक्तों ने पूरे परिवार के साथ सुख, शांति व समृद्धि के लिए दादी की पूजा-अर्चना की और आशीर्वाद मांगा. पूजा-अर्चना के बाद मंदिर प्रांगण में मंगलपाठ का वाचन किया गया. मंगलपाठ वाचक के रूप में इस वर्ष जमशेदपुर की सौम्या चौधरी एंड टीम को आमंत्रित किया गया था. सुमधुर धुनों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं ने मंगलपाठ का वाचन किया. महोत्सव के दौरान दादी जी को स्वामणी का प्रसाद लगाया गया. दो दिवसीय भाद्र-अमावस्या महोत्सव के दौरान भोग, अखंड ज्योति, प्रसाद, जवा फूलों द्वारा पूरे मंदिर परिसर की सजावट आदि आकर्षण का विशेष केंद्र रहा. वहीं कार्यक्रम की समाप्ती के बाद मंदिर प्रांगण में भंडारा का आयोजन किया गया. मौके पर बड़ी संख्या में दादी जी के भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया.
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