Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में शारदीय नवरात्र को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. इस साल शारदीय नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो रही है. इसको लेकर यहां के लोगों में काफी उत्साह है. पूजा आयोजन समिति भी अपने-अपने पूजा पंडाल और धार्मिक अनुष्ठानों को सबसे बेहतर बनाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. कारीगारों की ओर से पंडालों को आकर्षक रूप देने के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है. अनुमंडल क्षेत्र में शारदीय नवरात्र के प्रथमा से विजया दशमी तक दुर्गोत्सव की धूम रहती है. अधिकांश स्थानों में षष्ठी से दुर्गोत्सव उत्साह के साथ मनाया जाता है.
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मूर्तियों को मूर्त रूप देने के लिए मूर्तिकार दिन-रात काम में जुटे
वहीं, इस उत्सव के लिए मूर्तिकार द्वारा देवी दुर्गा के साथ लंबोदर गणेश, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी और भगवान कार्तिकेय की आकर्षक मूर्तियां बनाई जा रही है. मूर्तियों को मूर्त रूप देने के लिए मूर्तिकार दिन-रात काम में जुटे हुए हैं. मूर्ति में विशेष आभा के साथ चमक बढ़ाने के लिए बंगाल से लाई गई विशेष प्रकार की दूध मिट्टी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा परंपरा के अनुरूप तवायफ के कोठे की मिट्टी भी वे साथ लेकर आते हैं. इस मिट्टी को प्रतिमा बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली मिट्टी में मिलाया जाता है.
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अनुमंडल क्षेत्र में होती है 33 लाइसेंसी और 64 गैर लाइसेंसी पूजा
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में देवी दुर्गा की पूजा अनुष्ठान 97 स्थानों में की जाती है. प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार चांडिल अनुमंडल में 33 स्थानों में लाइसेंसी और 64 स्थानों में गैर लाइसेंसी पूजा कमेटी है, जो दुर्गोत्सव का आयोजन करती हैं. वहीं, अनुमंडल के पांच थाना क्षेत्रों में पूजा के दौरान विजयादशमी के दिन कुल नौ स्थानों में रावण दहण का आयोजन किया जाता है. जानकारी के अनुसार चांडिल थाना क्षेत्र में चार लाइसेंसी और नौ गैर लाइसेंसी पूजा समिति दुर्गोत्सव का आयोजन करती हैं. लेकिन चांडिल थाना क्षेत्र में रावण दहण नहीं किया जाता है. चौका थाना क्षेत्र में चार लाइसेंसी व पांच गैर लाइसेंसी पूजा होती है. यहां एक स्थान पर रावण दहण का आयोजन किया जाता है. कपाली ओपी क्षेत्र में एक स्थान पर लाइसेंसी और पांच स्थानों में गैर लाइसेंसी समिति की ओर से पूजा का आयोजन किया जाता है. ओपी क्षेत्र में एक स्थान पर रावण दहन किया जाता है.
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ईचागढ़ थाना क्षेत्र में सर्वाधिक 37 स्थानों में की जाती है देवी दुर्गा की पूजा
नीमडीह थाना क्षेत्र में सर्वाधिक 14 स्थानाें में लाइसेंसी और पांच स्थानों में गैर लाइसेंसी पूजा की जाती है. यहां दो स्थानों में रावण दहन किया जाता है. इसी प्रकार ईचागढ़ थाना क्षेत्र में सर्वाधिक 37 स्थानों में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है. इनमें आठ स्थानों में लाइसेंसी व 27 स्थानों में गैर लाइसेंसी पूजा समिति है. ईचागढ़ में भी दो स्थानों में रावण दहन का कार्यक्रम होता है. अनुमंडल क्षेत्र के तिरूलडीह थाना क्षेत्र में कुल 13 स्थानों में दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है. तिरूलडीह में दो लाइसेंसी व 11 गैर लाइसेंसी पूजा समिति है. यहां तीन स्थानों में रावण दहन किया जाता है.
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