Chandil (Dilip Kumar) : हूल दिवस के उपलक्ष पर झामुमो नेता सह स्वच्छ चांडिल स्वस्थ चांडिल के संस्थापक झारखंड आंदोलनकारी सुखराम हेंब्रम ने हूल क्रांति के तमाम शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया. रविवार को हूल दिवस के अवसर पर उन्होंने चांडिल गोलचक्कर, नीमडीह प्रखंड के सिंदूरपुर, कुकडू प्रखंड के हाईतिरुल, ईचागढ़ प्रखंड के गौरांगकोचा, चांडिल प्रखंड के चौका और शासनडीह स्थित सिदो-कान्हू व फूलो-झानों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. इस दौरान उन्होंने आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होकर अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ हुल क्रांति के रूप में आदिवासियों के योगदान को याद किया. उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में आदिवासियों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है.
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आदिवासियों को गुलामी स्वीकार नहीं
झारखंड आंदोलनकारी सुखराम हेंब्रम ने कहा कि आदिवासियों ने कभी भी गुलामी स्वीकार नहीं किया. ये आवासियों के परंपरा के भी खिलाफ है. आदिकवासी स्वशासन व्यवस्था में भी कैद के रूप में कभी सजा नहीं दी जाती है. आजादी का संघर्ष हो या झारखंड अलग राज्य का आंदोलन आदिवासियों का योगदान दोनों ही संघर्ष में अतुलनीय रहा है. स्वतंत्रता संग्राम में संथाल परगना में हुल क्रांति के रूप में सिदो-कान्हू, चांद-भैरव व फूलो-झानों ने तमाम आदिवासियों को एकजुट कर विशाल आंदोलन का नेतृत्व किया. अंग्रेजों के साथ वीरता पूर्वक लड़े और अपना बलिदान दिया. वर्तमान समय में भी आदिवासी अन्याय व अत्याचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने नीमडीह प्रखंड के आदारडीह रांगाडीह में ग्रामीणों के साथ वार्ता करते हुए उनकी समस्याओं को सुना.
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