Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल अंतर्गत नीमडीह थाना क्षेत्र में आदिवासी युवती के साथ यौन शोषण मामले में नया मोड़ आ गया है. यौन शोषण का आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. वहीं पीड़ित गर्भवती युवती का प्रसव का समय निकट आ रहा है. मुरू के माझी बाबा लक्खीपद हांसदा ने बताया कि संताल परंपरा के अनुसार कुवांरी युवती अपने घर में मां नहीं बन सकती है. ऐसा होने पर समाज उस परिवार को बहिष्कृत करता है. ऐसे विकट परिस्थित में शुक्रवार को संथाल समाज ने पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के तहत सामाजिक बैठक की. इसके बाद समस्या के निदान के लिए शनिवार को समाज के अगुवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से मिला.
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प्रतिनिधिमंडल ने पदाधिकारियों को समाज के रिवाज के बारे में बताया
प्रतिनिधिमंडल ने पदाधिकारियों को बताया कि समाज के रिवाज के अनुसार कुंआरी युवती गर्भवती होने पर अपने घर में नहीं रह सकती है. प्रशासन या तो पीड़ित युवती को आरोपी के घर पहुंचा दे या कोई अन्य निदान करें. अनुमंडल कार्यालय पहुंचे आदिवासी संथाल समाज के मांझी बाबा, जोग मांझी, गोडेत, परानिक, भद्दो व नायके समेत बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने पीड़ित गर्भवती युवती के भविष्य को देखते हुए पदाधिकारियों से अतिशीघ्र निदान निकालने की मांग की है.
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पीड़ित युवती को न्याय दिलाने में कोताही नहीं बरती जाएगी – अनुमंडल पदाधिकारी
इस संबंध में प्रतिनिधिमंडल ने पदाधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा. इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि पीड़ित गर्भवती युवती को न्याय दिलाने के लिए किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी. इस मामले के निदान के लिए पदाधिकारियों ने समाज से कुछ वक्त मांगा. मौके पर दिलीप हांसदा, तपन हांसदा, संजय हांसदा, टीपु हांसदा, रामप्रसाद मुर्मू, डोमन मार्डी, भाद्री मुर्मू, सुकराम हेम्ब्रम, श्यामल मार्डी, चारूचांद किस्कू, बुद्धेश्वर मार्डी समेत बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल थे.