Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल प्रखंड के भादूडीह में सोमवार को “जन सेवा ही लक्ष्य” की ओर से बुद्धिजीवी एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में चांडिल अनुमंडल समेत अन्य क्षेत्रों के बुद्धिजीवी वर्ग के लोग तथा सरकारी, गैर सरकारी संस्थानों के शिक्षक, सेवानिवृत्त शिक्षक शामिल हुए. इस अवसर पर “जन सेवा ही लक्ष्य” के संस्थापक हरेलाल महतो ने सभी बुद्धिजीवियों एवं शिक्षकों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. समारोह का शुभारंभ भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं आजसू बुद्धिजीवी मंच के केंद्रीय अध्यक्ष डोमन सिंह मुंडा शामिल थे. वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ मुकुंद मेहता ने समारोह में भाग लिया.
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समारोह में डोमन सिंह मुंडा ने कहा कि यदि कोई विद्यार्थी जीवन में सफल होना चाहता है तो एक गुरु का मार्गदर्शन अति आवश्यक है. वर्तमान समय में समाजसेवी हरेलाल महतो काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं. हरेलाल महतो संघर्ष करते हुए लोगों की सेवा कर रहे हैं. मौके पर रांची यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ मुकुंद मेहता ने कहा कि बुद्धिजीवी और शिक्षक हमेशा समाज को शिक्षित बनाने की दिशा में कार्य करते हैं. ऐसे में जो लोग बुद्धिजीवियों और शिक्षकों को सम्मान देते हैं, वैसे लोगों को सदैव आशीर्वाद मिलता है. पूर्व प्राचार्य डॉ गुरुपद राजवार ने कहा कि शिक्षकों को सम्मान मिलना चाहिए और जब कोई समाजसेवी स्वयं सामने आकर शिक्षकों को सम्मानित करते हैं तो काफी अच्छा लगता है.
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कार्यक्रम में हरेलाल महतो ने कहा कि निजी स्तर पर जितना संभव हो रहा है जनता की सेवा कर रहे हैं. गुरुजनों और बुद्धिजीवियों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से मानसिक शक्ति मिलती है, समाजसेवा की प्रेरणा मिलती है. बुद्धिजीवियों एवं शिक्षकों के मार्गदर्शन से ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र को नंबर वन बनाएंगे. अब तक जितने भी जनप्रतिनिधि बने हैं, ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए कार्य नहीं किया है. क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था का घोर अभाव है. एकमात्र सिंहभूम कॉलेज ही इस क्षेत्र का डिग्री कॉलेज है, जहां विद्यार्थियों के लिए कोई सुविधा नहीं है. इस अवसर पर सिंहभूम कॉलेज के प्राचार्य सरोज कुमार कैवर्त, शहीद धनंजय महतो की पत्नी बारी देवी, योगेंद्र नाथ महतो, बैद्यनाथ महतो, सेवानिवृत प्रोफेसर प्रह्लाद महतो, डॉ इंद्रजीत गोराई, डॉ अफरोज, डॉ एके सिंह, गौरी लायक समेत बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी व शिक्षक मौजूद थे.
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