Jamshedpur : जमशेदपुर से सटे चांडिल के रहने वाले भरत जीत महतो ने पत्तियों को काटकर 12 सबसे अधिक प्रसिद्ध स्मारकों को बनाकर एशिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने में सफलता हासिल की है. पहले लॉकडाउन में खाली बैठे-बैठे जीत महतो ने अचानक एक दिन यूट्यूब पर कलाकारों को पत्तों पर आकृति उकेरते हुए देखा, जिसके बाद लॉकडाउन के खाली वक्त ने जीत का बखूबी साथ दिया और यूट्यूब पर ही वीडियो देखते हुए जीत ने पत्तियों पर कलाकारी सीखी.
इसे भी पढ़ें : रांची एयरपोर्ट में लगी आग, मची अफरा-तफरी
इंस्टाग्राम के जरिए केरल के आर्टिस्ट के संपर्क में आया
जीत कहता है कि लीफ आर्ट बनाने के लिए मैं अक्सर पीपल या फिर बरगद की पत्तियों का इस्तेमाल करता हूं. जैसे-जैसे आर्ट को लेकर समझ बढ़ी और इसे सीखा मैं और भी प्रभावित होते गया. फिर मैं इंस्टाग्राम के माध्यम से केरल के कुछ आर्टिस्ट के संपर्क में आया जिनसे मुझे इस कला के बारे में और भी अधिक सीखने को मिला.
कई प्रसिद्ध भारतीय चेहरों को भी पत्तियों पर उकेरा
जीत कहता है कि एशिया बुक्स ऑफ रिकॉर्ड के विषय मे भी उसे यूट्यूब से ही जानकारी हुई. जानकारी मिलने के बाद उसने अपना तब तक का काम उन्हें मेल किया. जिसके बाद 20 मई को जीत के नाम सबसे अधिक 12 प्रसिद्ध स्मारक बनाने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया. जीत ने न सिर्फ पत्तियों पर प्रसिद्ध स्मारकों को उकेरा है बल्कि की कई भारतीय कलाकारों के चेहरे को भी उकेरा है. भारत जीत महतो वर्तमान में डिप्लोमा कर सरकारी परीक्षाओं की तैयारी में व्यस्त है.