Chatra : भाकपा माओवादी संगठन के एरिया कमांडर कमलेश ने चतरा पुलिस के समक्ष बुधवार को सरेंडर किया है. बुधवार को जिला समाहरणालय में आयोजित कार्यक्रम में एरिया कमांडर कमलेश यादव ने एसपी राकेश रंजन और डीसी आबू इमरान के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इस दौरान उसे डीसी और एसपी ने संयुक्त रूप से एक लाख रूपया का चेक सौंपा. इस दौरान सीआरपीएफ के अधिकारी समेत जिला पुलिस के कई अधिकारी मौजूद थे.
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पुलिस के दावे से परेशान होकर किया सरेंडर
भाकपा माओवादी नक्सली संगठन मध्य जोन के सैक सदस्य गौतम पासवान दस्ता के एरिया कमांडर कमलेश यादव ने पुलिस के बढ़ती दबिश और संगठन के आंतरिक शोषण से परेशान होकर सरेंडर किया है. कमलेश यादव ने झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर चतरा पुलिस के समक्ष सरेंडर किया. कमलेश यादव मूल रूप से चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के चरका कला गांव का रहने वाला है. उसके ऊपर चतरा और पलामू जिला के अलग-अलग थाने में कुल 8 मामले दर्ज हैं.
इन बड़े घटनाओं में शामिल रहा है कमलेश यादव
- चतरा जिले के कुन्दा थाना क्षेत्र में 5 फरवरी 2017 को मुरारी शर्मा और मुन्ना नाम के युवकों की हत्या कर दी गई थी. दोनों को पुलिस का मुखबिर बताया गया था.
- पलामू जिले के महत्व थाना क्षेत्र में अगस्त 2017 में भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए जमीन के अंदर विस्फोटक लगाया था.
- चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र में 19 सितंबर 2022 को पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें एक सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे.
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भाकपा माओवादी में शामिल होने से पहले करता था मजदूरी
कमलेश यादव ने पुलिस को बताया कि वो अपने पिता के दस संतानों में दुसरे संतान हैं. साल 2014 के दिसंबर माह में वो माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. संगठन में जुडने से पहले ये सिरसा हरियाणा में दैनिक मजदूरी करता था. साल 2009 में विवादित जमीन खरीदा था, उस जमीन पर अपना कब्जा करने एवं दूसरे पक्ष पर अपना दबाव बनाने के उद्देश्य से साल 2014 में भाकपा माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. संगठन के द्वारा इनसे झूठा वादा किया गया कि जमीन विवाद सुलझा दिया जायेगा.इसके बाद इन्हे भाकपा माओवादी के शीर्ष कमांडरो से मिलवाया गया, जिसमें जोनल कमांडर मनोहर गंझू, नितेश यादव, कुन्दन यादव, अमर सिंह, राकेश भुईया, लालदाप उर्फ कल्टू, राजेश यादव, रंजीत गंझू, प्रदीप यादव, सुकेश यादव, सीता भुईया, रंजीत यादव के साथ अन्य लगभग 75 लोग थे. तब वो संगठन के आश्वासन एंव बहकावे में आ गया था. राकेश भुईया (मृत) एवं कुन्दन यादव के टीम के साथ चकरबंधा के जंगलो में रहने लगे. इस क्रम में बीच बीच में मोरहर नीलांजन सबजोन आता जाता रहता था. संगठन में इनके कार्यनिष्ठा को देखकर वर्ष 2018 के अगस्त माह में संदीप यादव एवं मुराद जी की अध्यक्षता में हुई पार्टी मीटिंग में इन्हे बबन सिंह भोक्ता एवं राजेश ठाकुर ( आत्मसमर्पित) को एरिया कमांडर बना दिया गया.
कमलेश यादव ने बताया कि संगठन अपने सिद्धांतों एवं दिशा से भटक गयी है एवं भाकपा माओवादी शोषण एवं लेवी वसूलने की पार्टी हो गयी है. शीर्ष नक्सली कमांडर नीचे के कमांडरों का शोषण एवं सिद्धांत के विपरित कार्य करने हेतु एवं भ्रमणशील ईलाकों के ग्रामीणों को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित कर दबाव बनाते रहते है जिससे क्षुब्ध ये पार्टी को छोड़कर झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति “नई दिशा” से प्रभावित होकर परिवार के साथ रहकर सामान्य जीवन यापन करने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहे हैं.
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